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इंडियन बैंक की लापरवाही से प्रधानमंत्री की मन की बात फाइलों में अटकी

लखीमपुर:  25 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में लखीमपुर खीरी के केला के तने से रेशा बनाने का जिक्र से यहां के किसानों का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है और उसी को बढ़ावा देने के लिए किसानों ने योजनाओं का लाभ लेने के लिए PMFME पोर्टल पर आवेदन किए है, लेकिन विडम्बना यह है कि सारी योजनाओं पर बैंक की उदासीनता के कारण काले बादल छा गए है। जिला का अग्रणी बैंक इंडियन बैंक के आला अधिकारी और बैंक के प्रबंधक नही चाहते कि इस योजना का लाभ किसानों को मिले। सरकार बड़े बड़े विज्ञापनों में किसानों की आय दुगुनी करने, किसानों को उद्यमी बनाने के दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत  इसके उलट है। सरकारी अधिकारियों के साथ साथ बैंक कर्मियों को योजनाओं का लाभ कैसे देना है, किन को देना है पता ही नही है। जिला के अग्रणी बैंक मोहमदपुर दीना के शाखा प्रबंधक की लापरवाही और घटिया रवैया के कारण किसानों का मन प्रधानमंत्री की योजना से उचट रहा है। कइयों का मानना है कि किसानों को सपने दिखाकर मूर्ख बनाने के लिए ही योजनाओं का दिखावा किया जाता है। शाखा प्रबंधक के साथ साथ जिला के अधिकारी के सर्वे करने और तमाम दस्तावेजों को जमा करने, उद्यम आधार, GST रजिस्ट्रेशन और लोन होने का आश्वासन के बाद प्रबंधक अपने विवेक के आधार पर लोन को रिजेक्ट कर रहे। शाखा प्रबंधक का कहना है कि सब सरकारी सब्सीडी के लिए किया जा रहा। किसानों का कहना है कि यदि मैनेजर को ऐसा लगता था तो पहले बताना चाहिए था, दस्तावेज और जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की क्या जरूरत थी, तीन तीन महीनों से लटकाने की क्या जरूरत थी, किसानों को लगता है कि शाखा प्रबंधक सरकार द्वारा दी जा रही 35% सब्सिडी में हिस्सा चाहते है इसीलिए लेटलतीफी कर रहे है।


मोहमदपुर दीना ब्रांच के ग्राहकों ने बताया कि जब से बैंक मैनेजर श्याम नारायण आये है, किसानों को ऋण मिलने में परेशानी हो रही है। 2 – 2 महीनों से कागज जमा है, न तो हमें केसीसी ऋण दिया जा रहा और न ही कोई अन्य कार्य हो रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक बैंक कर्मचारी ने बताया कि यह साहब को बैंक का काम करना ही नही आता, इसीलिए ग्राहकों को बैंक के काम कराने में परेशानी होती है, यदि इसका समाधान नही हुआ तो बैंकों में ग्राहकों की संख्या घटने लगेगी।

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