नर और नारी दो तन धारी , है धरती पर अवतार लिया- गोविंद
@samagrachetna
इस धरती पर नर और नारी का स्वरूप के रूप में व्याख्या देने वाले मोहम्मदी के कवि गोविंद गुप्ता मैं कविता के माध्यम से मैं कल नई पहचान दी है और गोविंद गुप्ता ने जो मार्मिक लेखन किया है उससे लोगों में कहीं न कहीं महिलाओं के प्रति सम्मान करने की भावना बढ़ेगी
इस धरती पर नर और नारी का स्वरूप ,,
नर और नारी दो तन धारी,
है धरती पर अवतार हुआ,
है सृष्टि की रचना करने को,
इनको देखो अधिकार मिला,
ब्रम्हा जी ने है प्राण दिये,
श्री विष्णु पालनकर्ता है,
शिवशंकर शम्भू प्रलयंकर,
शनिदेव न्याय देबता है,
इस तरह सृष्टि रचना का है
देखो ऐसा यह सार हुआ,,,
नर और नारी दो तन धारी
है धरती पर अवतार हुआ,,।।
लक्ष्मी के रूप में माया है,
जिनमे जग सारा समाया है,
बजरंग बली है बलशाली,
जिनमे बल सारा आया है,
कलयुग के यही देवता है,
इनको सबसे है प्यार हुआ,,।
नर और नारी दो तन धारी,
है धरती पर अवतार हुआ,।।
देवी के रूप में नदियां है,
है देव विराजे वृक्षो ,में,
और देवी रूप के शुभ दर्शन,
करते है देखो बच्चो में,
हिम शिखरों से है उतर उतर
नदियों ने है आकार लिया,,।
नर और नारी दो तन धारी,
है धरती पर अवतार लिया,।।
है स्वर्ग नरक इस धरती पर,
निर्णय सब यही ही होते है,
कुछ इस धरती पर हंसते है,
कुछ इस धरती पर रोते है,
कुछ होते है धनवान यहाँ ,
कुछ धन को यही पर खोते है,
सृष्टि की सुंदर रचना का,
सम्मान है वारंवार किया,।
नर और नारी दो तन धारी ,
है धरती पर अवतार लिया,।।
इस कविता के रचयिता मोहम्मदी विधानसभा के गोविंद गुप्ता है