144 विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा सपा की सीधी टक्कर ; सपा के लिए चुनौती से कम नहीं

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मोहम्मदी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार मोहम्मदी विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।
मोहम्मदी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेशके खीरी जिले में आती है। 2017 में मोहम्मदी में कुल 42.44 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से लोकेंद्र प्रताप सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के संजय शर्मा को 33918 वोटों के मार्जिन से हराया था।
मोहम्मदी विधानसभा सीट धौरहरा के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं रेखा वर्मा, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टीके Arshad Iliyas Siddiqui को 160611 से हराया था।
२०१२ में बसपा के बाला प्रसाद अवस्थी जीते थे
विधानसभा चुनाव 2012 के अनुसार लखीमपुरी खीरी जिले के अंतर्गत आने वाली विधानसभा संख्या 144 है मोहम्मदी। वर्ष 2012 के आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 7 हजार 243 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 67 हजार 667 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 39 हजार 571 है। जिसमें बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इमरान अहमद रहे थे।
16 वीं विधानसभा के चुनावों में बीएसपी के अवस्थी बाला प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के इमरान अहमद को मात दी थी। बीजेपी के लोकेंद्र प्रताप सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस के अशफ़ाक उल्लाह खान चौथे स्थान पर रहे थे बहुजन समाज पार्टी के लिए 2012 का चुनाव विधानसभा कोई आसान नहीं था फिर भी बहुजन समाज पार्टी ने चाणक्य नीति खेल कर ब्राह्मण दलित नीति अपनाकर सीट को अपनी गोदी में डाल ली थी।
२०१२ में तीसरे से २०१७ में पहले पर लोकेंद्र प्रताप सिंह के लिए थी एक चुनौती
2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग 315263 वोटरों की सीट रही मोहम्मदी विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लोकेंद्र प्रताप सिंह ने 93000 वोट दिया सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी संजय शर्मा ने 59082 व बसपा के दाउद अहमद ने 57902 वोट पाये थे
सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी संजय शर्मा के लिए एक राह भरी मुश्किल तो थी संघर्ष के बावजूद वह चुनाव हार गए थे अनुमान लगाया जाता है संजय शर्मा ब्राह्मण मुस्लिम समुदाय पर चुनाव लड रहे थे लेकिन संजय शर्मा को सपा का लगभग मुस्लिम वोट भी नजरअंदाज कर गये वह बसपा प्रत्याशी दाउद अहमद को फायदा पहुंचाने में कामयाब रहे इसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी के खाते में गया भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को ब्राह्मण वोट भी काफी मिला वहीं एक चुनौती को लोकेंद्र ने स्वीकार किया मोहम्मदी के मुद्दों पर चुनाव लड़ा उसमें मुख्य मुद्दा मोहम्मदी में ट्रामा सेंटर , अस्पताल , बिजली पूर्ति के लिए पावर हाउस , गांवों को सड़कों से जोड़ना , मोहम्मदी जिला बनाना , मोहम्मदी का नाम बदलना जेवीगंज को नगर पंचायत का दर्जा देना था 22 के चुनाव में भी यह मुद्दे विद्यमान रहेंगे या नये मुद्दे आयेंगे यह आगे पता चलेगा
फिलहाल पक्ष विपक्ष तो अपनी रंगबाजी दिखायेगा ही
आने वाले २०२२ में कौन बनेगा विधायक यह जनता पर
2022 में मोहम्मदी विधानसभा में कौन विधायक बनेगा ये तो जनता तय कर देगी लेकिन लेकिन कहीं ना कहीं राजनीतिक दलों को भी अपनी नीति अपनानी होगी जिस नीति को वह सफल हो सकें बता दे आपको मोहम्मदी विधानसभा से भले ही ना ब्राह्मण वैश्य बाहुल्य हो लेकिन यहां पर हिसाब के साथ कुछ और ही देखने को मिलता है
2022 में क्या होगा यह तो जनता बताएंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा यह भारतीय जनता पार्टी बताएगी फिर भी कि उनके प्रत्याशी फिर से लोकेंद्र प्रताप सिंह ही होंगे कि नहीं यह सवाल का विषय है भारतीय जनता पार्टी में फैली गुटबाजी साफ जाहिर करते हैं आने वाले 2022 के चुनाव में सभी आवेदित प्रत्याशी एक साथ चलेंगे कि नहीं मोहम्मदी से काफी चर्चित नेता श्याम किशोर अवस्थी का विजय रथ मोहम्मदी विधानसभा में निकल चुका है भाजपा के ही विधानसभा मोहम्मदी निवासी डॉ विजय पाठक भी चुनाव प्रचार प्रसार जोरों से लगाए पड़े हैं
सपा के संभावित प्रत्याशियों की माने तो एक धुरंधर बाहर के हैं यहां के क्षेत्रीय प्रत्याशी को अगर टिकट ना मिला तो सपा के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होगी समाजवादी पार्टी मोहम्मदी की जमीनी हकीकत बताती है टक्कर तो सपा सीधे भाजपा को ही देगी लेकिन जीतने के लिए उसको यहां पर क्षेत्रीय प्रत्याशी को टिकट देना पड़ेगा अगर यहां पर क्षेत्र के प्रत्याशी को न मिला तो भाजपा यहां पर बेहिचक सीट निकालने में कामयाब रहेगी सपा के धुरंधर आवेदित प्रत्याशी पूर्व ब्लाक प्रमुख जयकरन बाजपेई पूर्व , जिला पंचायत सदस्य क्रांति कुमार सिंह , कार्तिक तिवारी , डॉक्टर जुबेर खान सहित तमाम दावेदार क्षेत्रीय मौजूद है
बसपा के मोहम्मदी विधानसभा में दलित वोट फिक्स है फिर भी यहां पर क्षेत्र की जनता में आवेदित प्रत्याशी के रूप में राजेश मिश्रा का नाम काफी चर्चित है
विधानसभा में कांग्रेस का मूल वोट बैंक तो नहीं है जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने पर यहां पर कांग्रेस काफी कमजोर तो हो ही गई है फिर भी पिछले चुनाव के रहे गठबंधन कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शर्मा दूसरे पर रहे थे फिर कांग्रेस मोहम्मदी में दावेदारों की संख्या काफी है जिसमें संजय शर्मा , हरिनाथ उपाध्याय , दीपक बाजपेई , यतीश शुक्ला , निधि शुक्ला , सत्यबंधु गौड़ सहित तमाम दावेदार हैं
यह विधानसभा बसपा के लिए कैसी
बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी 2012 विधानसभा में बसपा की नैया पार लगा चुके फिर भी दलित ब्राह्मण वोट बैंक से बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी 2012 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे 2022 में मोहम्मदी विधानसभा में बसपा का क्या रोल रहेगा आने वाले समय में पता चलेगा फिर भी बसपा का दलित वोट फिक्स है आगे का जनाधार उसके प्रत्याशी के आने पर संभवतः आएगा
सपा के लिए चुनौती भी और नहीं भी यह उसी पर निर्भर
मोहम्मदी विधानसभा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए एक राह चुनौती भरी तो है ही लेकिन और चुनौती भी एक दम निकाल सकती हैं और समाजवादी पार्टी अपनी राह आसान बना सकती हैं विधानसभा में भाजपा से सीधे टक्कर ले रही तो वह समाजवादी पार्टी ही है लेकिन अभी जनता में विश्वास नहीं हो पा रहा है कि कौन प्रत्याशी आ रहा हैं अगर समाजवादी पार्टी यहां पर क्षेत्रीय प्रत्याशी उतारेगी तो सपा का सफर तय हो जायेगा