केन्द्र पर खरीदा गया महज 55 कुंटल, पोर्टल पर दिखा रहा 216 कुंटल धान की खरीद

धान खरीद में केन्द्र प्रभारी व अधिकारी मिलकर कर रहे जमकर भ्रष्ट्राचार
सकरन/सीतापुर। सूबे के मुख्यमंत्री अन्नदाताओं को उनकी फसलों की असल लागत देने के लिए कई एजेसियों के माध्यम से धान खरीद केन्द्र बनाकर किसानों को केन्द्रो पर धान बेचने के लिए प्रोत्साहित कर रही है लेकिन अन्नदाताओं के हक पर डाका डालने वाले अधिकारी व ठेकेदारों की मिलीभगत से मुख्यमंत्री के मंसूबो पर पानी फेर रहे है। जिले में करीब पौने दो सौ क्रय केन्द्र बनाए गए है। लेकिन हकीकत यह है कि आम किसान अपना धान बेचेने के लिए लाइन में लगा है या फिर गंाव की बाजारों में औने पौने दामाकें में धान बेच रहा है।
मजे की बात तो यह है कि केन्द्र पर किसान दिखाई नही दे रहे है और खरीद हजारों कुंटल की हो चुकी है। किसानों की माने तो उन्हें कभी रजिस्ट्रेशन के नाम पर कभी धान की क्वालिटी के नाम पर दौड़ाया जा रहा है और औने पौने दाम पर बिचौलियों के हाथ वह अपना धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। यदि किसानों के आरोप सही हैं तो यह धान खरीद किन बिचौलियों के माध्यम से की जा रही है यह जांच का विषय है। तहसील क्षेत्र लहरपुर के लालपुर बाजार स्थित मंडी परिसर में धान के चार क्रय केंद्र पीसीएफ के माध्यम से संचालित हैं और एक क्रय केंद्र पीसीयू के माध्यम से संचालित बताया जा रहा है। राजकीय धान क्रय केंद्र गोड़ियनपुरवा पर जब लोक भारती संवाददाता पहुंचकर जानकारी हासिल की तो केन्द्र प्रभारी अमित श्रीवास्तव को ही नही पता कि हमारे केन्द्र पर कितना धान खरीदा जा चुका है उन्होने बताया कि जिस दिन केन्द्र का उद्घाटन हुआ था उस दिन 55 कुंटत धान खरीदा गया था। तब से अभी तक धान की खरीद नही हुई है।
जबकि पोर्टल पर इस केन्द्र पर बीते तीस अक्टूबर को ही 216 कुंटल धान खरीद हो चुकी है, क्षेत्रीय किसानों की माने तो बाढ़ होने के कारण अभी धान तैयार नहीं है फिर धान की खरीददारी कहाँ से की गई है।यह साबित होता है कि एक बार फिर किसान बिचौलियों और दलालों के चंगुल में फसा हुआ नजर आने लगा है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के मंशानुरुप अन्नदाताओं को उनका हक मिलेगा या फिर इसी तरह दलाल हावी रहेगें।
सभी किसानों के दस्तावेज चेक करके ही ऑन लाइन बिक्री की अनुमति दी जाती है फिर भी अगर कही ऐसा मामला पाया जाता है तो दोषियों को बक्शा नही जाएगा- अनुपम मिश्रा एसडीएम लहरपुर