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लखनऊ में मैकेनिक से लूट, पिटाई के बाद बदमाशों ने किसान पथ से नीचे फेंका, पुलिस ने दबाई घटना

समग्र चेतना/राहुल तिवारी

लखनऊ। पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर के सख्त निर्देशों के बावजूद लखनऊ कमिश्नरेट की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। तीन दिन पहले बिजनौर थाना क्षेत्र के किसान पथ पर एक मैकेनिक के साथ हुई बर्बर लूट और पिटाई की वारदात को पुलिस ने छुपाने का प्रयास किया और उल्टा पीड़ित से तहरीर बदलवाकर सिर्फ कागज खोने की एनसीआर दर्ज कर दी।

मूल रूप से मोहनलालगंज के खरेहना गांव निवासी अभिषेक बाजपेयी, जो सरोजनीनगर के मुल्लाखेड़ा इलाके में किराये पर रहते हैं, बड़े वाहनों के सस्पेंशन की मरम्मत का काम करते हैं। 11-12 अप्रैल की रात एक डबल डेकर बस के ड्राइवर ने उन्हें किसान पथ पर बुलाया। करीब साढ़े बारह बजे जब वे बस का इंतजार कर रहे थे, तभी काली बाइक पर सवार दो अज्ञात बदमाश आए और उनसे बातचीत के बहाने बुरी तरह मारपीट शुरू कर दी। हमलावरों ने उनके सिर पर भारी वस्तु से वार कर उन्हें लहूलुहान कर दिया, जेब से 3,000 रुपये व दस्तावेजों से भरा पर्स, बाइक की चाभी और मोबाइल छीन लिया। इसके बाद उन्हें गला दबाकर सड़क से नीचे कटीले तारों में फेंक दिया और बाइक लेकर फरार हो गए।

किसी तरह घायल अवस्था में अभिषेक दूसरी पटरी पर खड़ी डबल डेकर बस तक पहुंचे और ड्राइवर के मोबाइल से 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची डायल-112 की टीम उन्हें सरोजनीनगर सीएचसी ले गई और इलाज के बाद घर छोड़ते हुए अगले दिन थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा।

इंस्पेक्टर ने दिए पैसे, तहरीर बदलवाकर दबाया मामला

अगले दिन सुबह जब अभिषेक अपनी पत्नी के साथ बिजनौर थाने पहुंचे और घटना की लिखित शिकायत दी, तो पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए जबरन तहरीर बदलवाई और सिर्फ कागजात खोने की एनसीआर दर्ज की। इसके बाद उन्हें इंस्पेक्टर से मिलवाया गया, जिन्होंने उन्हें दो हजार रुपये और एक सिपाही ने एक हजार रुपये देते हुए घटना का जिक्र न करने की हिदायत दी।

डीसीपी से की शिकायत, एसीपी को सौंपी गई जांच

घटना से आहत अभिषेक ने डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल से शिकायत की। डीसीपी ने इसे गंभीर मानते हुए कृष्णानगर एसीपी विकास कुमार पांडे को जांच सौंपी और रिपोर्ट तलब की। सोमवार को अभिषेक ने एसीपी कार्यालय पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। एसीपी ने उन्हें मुकदमा दर्ज करने और लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया।

अब पुलिसकर्मी कर रहे हैं मान-मनौव्वल

तीन दिन तक घटना को दबाकर बैठी पुलिस को जब अधिकारियों से शिकायत की भनक लगी, तो एक के बाद एक पुलिसकर्मी अभिषेक से संपर्क कर मुकदमा दर्ज कराने की बात कहने लगे। यहां तक कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर तक पहुंचकर समझाने-बुझाने लगे कि वे थाने आकर दोबारा तहरीर दें।

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