अब मौलाना का फरमान फरमानी की मुसीबत बन गया है

- बचपन से जवानी तक गरीबी ने साथ नहीं छोड़ा
- शादी हुई तो ससुराल में सकून नहीं मिला
suyash mishra Lucknow. सावन का महीना है। भोले बाबा को खुश करने के लिए हर कोई अर्जी लगा रहा है। ऐसे में गायिका फरमानी नाज ने भी ‘हर हर शम्भू’ गाना गाकर बाबा के चरणों में अर्दास लगा दी है। बाबा के भक्त इस गाने को खूब सराह रहे है। यूट्यूब पर गाना वायरल हो गया है। फरमानी नाज के ‘हर-हर शंभू’ की एक ओर खूब सराहना हो रही है वहीं दूसरी ओर उनकी मुसीबत बढ़ गई है।
दरअसल देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी को उनका गाना रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में किसी भी तरह का नाच-गाना जायज नहीं है, बल्कि ये हराम है। मुफ्ती ने कहा कि हराम के काम से मुसलमानों को परहेज करना चाहिए। हालांकि फरमानी का पेषा ही गायकी है। इसी से पैसे कमाकर वह अपना घर चला रही हैं। साल 2017 में इमरान नाम के युवक के साथ उनकी षादी हुई थी, लेकिन ससुराल वालों से उनकी नहीं बनी, जिसके बाद वह मायके लौट आईं। अब वह यूट्यूब सिंगर हैं और उनके लाखों फालोवर्स हैं।
उलेमा की नसीहत पर फरमानी नाज ने मीडिया के सामने कहा कि कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। वह कव्वाली गाती हैं और भक्ति गीत भी। उलमा के खफा होने को वह तव्वजों नहीं देती हैं। आपको बता दें कि यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली सिंगर फरमानी नाज । इंडियन आइडियल में भी आ चुकी हैं। उनके वीडियो यूट्यूब पर खूब वायरल होते हैं। अब सवाल ये है कि एक मुस्लिम गायिका के हर रह षम्भू गाने से देवबंद के उलेमा को आखिर परेषान क्या है। ब्यूरो रिपोर्ट समग्र चेतना लखनऊ।