20 किमी सड़क बनाने में लगा 2000 MT और 24 किमी सड़क में लगा दिया तीन गुना से अधिक कोलतार
लोक निर्माण विभाग के अजब गजब कारनामें

लखनऊ: उच्च न्यायालय इलाहाबाद और मुख्यमंत्री के आदेश को धता बताते हुये भले ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा राज्य राजमार्ग 33 खंड बरेली बदायूँ सड़क निर्माण में हुये करोड़ो रूपये के घोटालों में आरोपियों को क्लीनचिट दे दिया हो लेकिन करोड़ो रूपये के घोटालों की परतें दिन व दिन खुलती जा रही हैं।
जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत केंद्रीय सूचना आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता के आदेश पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन लि० ने अपने जबाब में बताया कि बरेली खंड के किमी० 54 से किमी० 78 के मध्य लगभग 24 किमी सड़क निर्माण के लिए मै० पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड को 6353 मीट्रिक टन कोलतार की आपूर्ति की गयी हैं वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश पर सड़क निर्माण में हुये करोड़ो रूपये के घोटालों की जांच में लोक निर्माण विभाग ने बताया है कि बदायूँ खंड में किमी 79 से किमी 99 के मध्य लगभग 20 किमी सड़क निर्माण में लगभग 2000 मीट्रिक टन कोलतार लगाया गया हैं।
यह असंभव है कि सड़क निर्माण में एक खंड के 20 किमी० के सड़क निर्माण में दो हजार मीट्रिक टन कोलतार लगे और दूसरे खंड के 24 किमी० में तीन गुना से अधिक कोलतार लग जाए। इसमें बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है जिसकी परतें लगातार उधड़ती जा रही हैं। भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के पत्र से स्पष्ट है कि लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह किया हैं, यही घोटालों की जांच और काले कोलतार का काला सच है। लोक निर्माण का भ्रष्टाचार किसी से छुपा नही है।
इं० गौरव कुमार गुप्ता
ऐसे में देखना यह है कि लोक निर्माण विभाग में मचे भ्रष्टाचारी घमासान की तरह कोलतार की कालाबाजारी और करोड़ो रूपये के घोटालों पर निष्पक्ष कार्यवाही होगी या घोटालों का काला सच काले कोलतार में दबा दिया जाएगा।
Samagra Chetna Desk