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कमिश्नर साहब; आखिर बंथरा हत्याकांड का विलेन दारोगा कैसे बच निकला?

कमिश्नर साहब; आखिर बंथरा हत्याकांड का विलेन दारोगा कैसे बच निकला?

भारी पड़ा रसूख या फिर अफसरों तक नहीं पहुंच पाया पूरा सच

समग्र चेतना/ राहुल तिवारी

लखनऊ। बन्थरा हत्याकांड जो शायद राजधानी में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चित हो चुका है पुलिस के आलाधिकारियों ने थाना प्रभारी सहित दो दरोगा व एक सिपाही को इस मामले में निलम्बित भी किया है लेकिन पीड़ित की जुबानी के बाद पता चला इस बडे़ कांड का विलेन तो बच ही गया।

मृतक पिता की जुबानी के मुताबिक जब घटना के बाद ऋतिक के पिता बब्बन पांडे थाने गए तो उन्होंने दरोगा के सामने हाथ जोड़कर कई बार मिन्नत की लेकिन अफसोस दरोगा साहब लूडो खेलने में ही मदमस्त रहे और कहा जाओ सुबह आना।

आखिर थक हार कर पीड़ित पिता घर चला आया और दरोगा साहब पीछे से आ गए और बोले तुम्हारे यहाँ बन्दूक है मार पीट करते हो। पीड़ित परिवार का कहना है कि इबले हसन दरोगा ने मेरे साथ जो बत्तमीजी की है मैं भूला नहीं पाऊंगा अगर दरोगा साहब रात में ही डाक्टरी करा देते या कार्यवाही कर देते तो मेरे लड़के की मौत न होती। हैरत की बात है कि पुलिस विभाग में बैठे अफसरों ने बगैर जाने बूझे दो दरोगा व एक सिपाही पर तो कार्यवाही कर दी लेकिन बन्थरा कांड के इस विलेन वर्दीधारी अधिकारियों की सजा से आखिर कैसे बच गया। क्या दरोगा इबले हसन का रसूख अधिकारियों पर भी भारी पड़ रहा है।

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