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स्वास्थ विभाग की मिलीभगत से कागजों पर बंद अस्पताल हो रहा संचालित, छात्रों ने गुलाब देकर किया जागरुक

छात्रों ने गुलाब देकर किया जागरुक
हेलमेट व सीट बेल्ट लगाने के लिए किया प्रेरित
सीतापुर। मंगलवार को यातायात प्रभारी फरीद अहमद की अगुवाई में सेक्रेट हार्ड डिग्री कॉलेज के बच्चों द्वारा जन जागरूकता अभियान लालबाग चैराहे पर चलाया गया। जिसमें कॉलेज के छात्र-छात्राओं के द्वारा टू व्हीलर वाहनों पर चल रहे लोगों को गुलाब का पुष्प देकर त्रिपलिंग ना करने की एवं हेलमेट आदि पहनने की प्रेरित किया।

वही फोर व्हीलर वाहनों को पुष्प देकर सीट बेल्ट इत्यादि लगवाने के लिए प्रेरित किया। यातायात प्रभारी फरीद अहमद के द्वारा बताया गया कि दोपहिया वाहनों पर लोग ट्रिपलिंग एवं अपने बच्चों को बैठाकर दो पहिया वाहन चलाते हैं। साथ ही साथ हेलमेट भी नहीं यूज करते हैं। ऐसे लोग हादसे का शिकार जल्द हो जाते हैं, वही फोर व्हीलर वाहनों में लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते जिससे कि हादसे के वक्त उनका पूरा शरीर आगे को हो जाता है, जिससे कि वह लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसे वाहन चालकों से यातायात प्रभारी के द्वारा सीट बेल्ट और टू व्हीलर में हेलमेट लगाने की जागरूक किया।

स्वास्थ विभाग की मिलीभगत से कागजों पर बंद अस्पताल हो रहा संचालित
बीते 16 जनवरी को बंद कराया गया था अस्पताल
महमूदाबाद/सीतापुर। नगर के पैंतेपुर मार्ग पर संचालित नेशनल हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा विगत दिनों जांच में मिली खमियों को लेकर नोटिस दी गयी थी। किंतु जांच के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से स्वास्थ्य विभाग को लेकर लोग अनेकों प्रकार की चर्चाएं कर रहे हैं। सदरपुर थाना क्षेत्र के रसूलाबाद गांव के रहने वाले जुबैर की पत्नी नाजमी की प्रसव के दौरान अस्पजाल में ही मौत हो गयी थी।

पत्नी की मौत के बाद पति ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा करते हुये अस्पताल संचालक पर लापरवाही सहित कई आरोप लगाये थे। अस्पताल संचालक डॉ शमीम ने प्रसूता की मौत के बाद उसका शव एक प्राइवेट वाहन से उसके घर भिजवा दिया था। छपी खबरों का संज्ञान लेकर डिप्टी सीएमओ डॉ एमएल गंगवार ने सीएचसी अधीक्षक के साथ 16 जनवरी को नेशनल हॉस्पिटल पहुंचकर जांच की थी। जांच के दौरान न तो कोई सक्षम चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ ही मिला और न ही संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर का पंजीकरण। इसी के साथ अस्पताल में सुरक्षा को लेकर लगे फायर यंत्रों का नवीनीकरण नहीं मिला था।

अधिकारियों ने हॉस्पिटल संचालक को तीन दिन में समुचित जवाब दाखिल करने की नोटिस दी थी। नोटिस की समय अवधि समाप्त होने के बाद जब संचालित हो रहे अस्पताल के संबंध में स्थानीय सीएचसी अधीक्षक डॉ विवेक कनौजिया से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की जांच व कार्रवाई डिप्टी सीएमओ द्वारा की जा रही है। इस संबंध में डिप्टी सीएमओ डॉ एमएल गंगवार ने बताया कि मिली कमियों के बारे में संबंधित विभागों को पत्र लिखकर सूचित किया जा चुका है।

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