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सुजीत पांडे: कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी का एक आदर्श उदाहरण

Suyash Mishra & Rahul Tiwari

लखनऊ। गुरुवार को एडीजी पीएसी उत्तर प्रदेश, सुजीत पांडे ने रायबरेली स्थित 25वीं वाहिनी पीएसी के “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने वाहिनी का भ्रमण और निरीक्षण करते हुए जवानों के स्वास्थ्य, मनोबल, कार्यदक्षता, और अनुशासन संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

लखनऊ के पहले कमिश्नर रहे सुजीत पांडे का व्यक्तित्व और कार्यशैली हमेशा पुलिस बल के जवानों के लिए प्रेरणास्रोत रही है। उनकी तैनाती जहां भी होती है, वहां के लोगों में उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का गहरा प्रभाव रहता है। सुजीत पांडे का स्वभाव बेहद सरल और वाणी में मधुरता है, जो उन्हें अन्य पुलिस अधिकारियों से अलग बनाता है। अपने लंबे और प्रभावशाली करियर में, सुजीत पांडे ने 12 जिलों के पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दी है। इसके अलावा, उन्होंने सीबीआई में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। मुम्बई बम ब्लास्ट कांड के दौरान उन्होंने अपनी तीव्र बुद्धिमत्ता और पुलिसिंग की कुशलता से इस बड़े हत्याकांड का खुलासा किया, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में, उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार किए। रोड सिग्नल्स की शुरुआत कर उन्होंने लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को एक नई दिशा दी, जिससे नागरिकों को बड़ी राहत मिली।

अपराध नियंत्रण और बड़ी घटनाओं के खुलासे में उनकी विशेषज्ञता जगजाहिर है। सुजीत पांडे को कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता के लिए एक दक्ष और प्रभावी अधिकारी माना जाता है। उनके नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश पुलिस बल ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी साख को और मजबूत किया है। उनकी कार्यशैली और समर्पण को देखते हुए, उन्हें पुलिस बल में एक आदर्श और प्रेरणादायक अधिकारी के रूप में सम्मानित किया जाता है। सुजीत पांडे जैसे अधिकारी हमारे समाज की सुरक्षा और व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

(यूपी में पूरी कर्तव्यनिष्ठा से काम करने वाले अफसरों पर समग्र चेतना लगातार लिखता रहा है।)

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