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एकमुश्त समाधान योजना: मात्र 100 रुपए में समाधान

डॉ सुयश नारायण
डॉ सुयश नारायण

लखनऊ। समाधान योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, इससे भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत वर्षों से लंबित मामलों का निस्तारण हो सकेगा। वर्तमान में राज्य में 53,631 स्टाम्प वाद लंबित हैं, जिनमें 5,497.90 करोड़ रुपये की स्टाम्प कमी है। इन लंबित मामलों के चलते न केवल राज्य सरकार की राजस्व वसूली बाधित हुई है, बल्कि संबंधित पक्षकार भी बढ़ते ब्याज और अर्थदंड का सामना कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में लंबित स्टाम्प वादों के शीघ्र निस्तारण और राजस्व वसूली को गति प्रदान करने के लिए ‘स्टाम्प कमी समाधान योजना’ को पुनः लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। योजना के तहत, पक्षकार केवल 100 रुपये के न्यूनतम अर्थदंड और नियमानुसार ब्याज का भुगतान कर अपने लंबित वादों का समाधान करवा सकते हैं। प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  रवींद्र जायसवाल ने विधान भवन में आयोजित एक प्रेसवार्ता में यह जानकारी देते हुए इसे जनता और सरकार के हित में एक बड़ा कदम बताया।

प्रदेश के मंडलीय राजस्व न्यायालय, जिलाधिकारी न्यायालय, अपर जिलाधिकारी न्यायालय, सहायक आयुक्त स्टाम्प न्यायालय, और सी.सी.आर.ए. प्रयागराज सहित कई न्यायालयों में हजारों वाद लंबित हैं। इनमें से कई वाद 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। इन लंबित वादों के समाधान से न केवल सरकार को राजस्व की शीघ्र प्राप्ति होगी, बल्कि पक्षकारों को न्याय में देरी के कारण बढ़ने वाली ब्याज की देनदारी से भी राहत मिलेगी।

समाधान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जनपद स्तरीय स्टाम्प कलेक्टर न्यायालयों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पक्षकारों को नोटिस भेजकर योजना की जानकारी दें। इसके तहत पक्षकार निर्धारित प्रारूप पर आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी। यह पहल जनता और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है। सरकार को राजस्व वृद्धि का लाभ मिलेगा, जबकि पक्षकार लंबित मामलों से मुक्त होकर न्याय की प्राप्ति कर सकेंगे। समाधान योजना न केवल एक प्रशासनिक पहल है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक सुधार की दिशा में उठाया गया सशक्त कदम है।

लंबित मामलों की गंभीरता

समाधान योजना से पहले स्थिति यह थी कि:

मंडलीय राजस्व न्यायालय में 4,553 वाद लंबित और 60.67 करोड़ रुपये की स्टाम्प कमी।

जिलाधिकारी राजस्व न्यायालय में 8,169 वाद लंबित और 1,707.91 करोड़ रुपये की स्टाम्प कमी।

सहायक आयुक्त स्टाम्प राजस्व न्यायालय में 22,731 वाद लंबित और 516.26 करोड़ रुपये की स्टाम्प कमी।

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