घूस का आरोप साबित होने के बाद भी आखिर क्यों नहीं हुई हरौनी चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई?

इसी तरह के आरोप में पूर्व चौकी इंचार्ज को किया गया था निलंबित
लखनऊ। (राहुल तिवारी) बन्थरा इन्सपेकटर के चहेते हरौनी चौकी इंचार्ज सर्वेन्द्र कुमार का आडियो भी वायरल हुआ जिसमें यह सिद्ध हो गया है कि चौकी इंचार्ज सर्वेन्द्र कुमार ने घूस के नाम पर पीड़ित से 34 हजार रुपये लिए और दूसरे दिन वापस भी किये। इससे साफ हो जाता है कि चौकी इंचार्ज ने घूस ली तो फिर अब तक चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही क्यों नही हुई यह सवाल इस समय काफी चर्चा में और इससे ग्रामीणों में कड़ी नाराजगी भी है।
हरौनी के घूसखोर चौकी इंचार्ज पर अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करना बहुत बड़ा सवाल है, जबकि इससे पूर्व में इसी हरौनी चौकी में तैनात चौकी इंचार्ज का आडियो वायरल होने पर महज 12 घंटे में ही उन्हें निलम्बित कर दिया गया था। कहीं ऐसा तो नहीं चौकी इंचार्ज के कोतवाल का करीबी होने के कारण तो उन्हें अभय दान नही दिया गया है या फिर अधिकारियों तक यह मामला पहुंचा ही नहीं या फिर रास्ते में ही ले देकर इसे निपटा दिया गया।
ऐसे कई सवाल हरौनी चौकी इंचार्ज की कारगुजारी को लेकर उठ रहे हैं जिनका जवाब किसी के पास नही है। यह सवाल अब कोई और नहीं बल्कि बंथर की जनता पूछ रही है क्या आखिर किसके रसूख के आगे पुलिस के अधिकारी हरौनी चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं? यह लखनऊ जैसी उत्तर प्रदेश की राजधानी में जहाँ एनेक्सी से लेकर विधानसभा तक है उसके बाद भी अधिकारियों के अन्दर अपने जिम्मेदारो के प्रति भय समाप्त हो गया है आखिर कौन सा कारण है।
इतना ही नहीं हरौनी का ये बीज भंडार का मालिक जो किसानों को सस्ते दामो में बीज खाद सभी प्रदान करता है जिसने हरौनी चौकी इंचार्ज के इस करतूत की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर भी की थी लेकिन इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शिकायत को भी नजरेन्दाज कर दिया। यह स्थिति उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की है तो प्रदेश के अन्य जनपदों का हाल क्या होगा इतना ही नहीं जब स्थानीय पत्रकार सच को उजागर करने का काम करते हैं तो स्थानीय पुलिस लोकतंत्र को दरकिनार कर उन पत्रकारों पर पुलिस तंत्र का हवाला देते हुए उन्हें भी फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देती है इससे यह लग रहा है कि ये अधिकारी भी मुख्यमंत्री की ईमानदार छवि को खराब कर रहे हैं।