अंगद के पैर की तरह इन विद्युत कार्यालयों में सालों से जमे हैं अभियंताओं से लेकर बाबू

भ्रष्टाचार में डूबे इन अधिकारियों के भरोसे कैसे सुधरेगी विधुत व्यवस्था
राहुल तिवारी
लखनऊ। रामायण का वह प्रसंग जिसमे अंगद रावण की सभा मे अपना पैर जमा देता है तो रावण समेत तमाम उसके सुरमा अंगद के पैर उठाना तो दूर उसे हिला भी नही पाते हैं। यह प्रसंग आजकल बिजली विभाग के अभियंताओं व बाबुओं पर सटीक बैठता है जो सालो से एक ही जगह जमे हुए है और उन्हें हटाना तो दूर बड़े बड़े दिग्गज उन्हें हिला भी नही पा रहे हैं।
राजधानी के विद्युत वितरण खंड शेष प्रथम नादरगंज के अंतर्गत आने वाले उपकेंद्रों पर तमाम अवर अभियंता उपखंड अधिकारी व तमाम बाबू इस विभाग में सालों से जमे हुए हैं। इन रसूखदार अधिकारी एवं कर्मचारियों पर शायद उच्चाधिकारी भी अपनी अनुकंपा बरसाए हुए हैं। जबकि सूबे के मुखिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा लगातार बिजली व्यवस्था में सुधार लाने के दावे कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद लखनऊ के विद्युत वितरण खंड प्रथम नादरगंज पावर हाउस में तमाम जेई व बाबू अंगद के पैर की तरह जमे बैठे हैं जो हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
चाहे नादरगंज पावर हाउस हो या इसके अंतर्गत आने वाले उपकेंद्र पर अवर अभियंता से लगाकर उपखंड अधिकारी व बाबू तक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। यही नहीं इन अधिकारियों कर्मचारियों ने इतने दिन की तैनाती के दौरान अकूत संपत्ति भी अर्जित कर ली है। अगर इसकी निष्पक्षता से जांच की जाए तो यह बाबू, अवर अभियंता एवं नादरगंज में लगभग 4 सालों से तैनात अधिशासी अभियंता संदीप तिवारी का क्या कहना जो आज करोड़ों की संपत्ति इसी नादरगंज क्षेत्र के अंतर्गत बना चुके हैं।
इसके बाद ले चलते हैं विद्युत वितरण खंड सेस द्वितीय के अंतर्गत पावर हाउस सरोसा भरोसा पावर हाउस खुरूमपुर यहां पर भी अवर अभियंता से लगाकर उपखंड अधिकारी तक वर्षों से जमे बैठे हैं। जिनके ऊपर किसी की भी नजर नहीं पड़ रही है। शायद इन पर कहीं ना कहीं यूनियन के नेताओं का भी हांथ है।अगर ऐसा है तो कैसे कम होगा भ्रष्टाचार कैसे बिजली व्यवस्था में होगा सुधार।