डीआरपी के भुगतान और उद्यमियों की सब्सिडी में देरी पर ACS की अध्यक्षता में हुई बैठक हुई विवादित

लखनऊ, 24 दिसंबर 2024: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना की प्रगति समीक्षा के लिए बुलाई गई ऑनलाइन बैठक विवादों में घिर गई। अपर मुख्य सचिव (ACS) उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बी.एल. मीणा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में योजना के लिए कार्य कर रहे डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन्स (DRPs) ने अपनी समस्याओं को लेकर विरोध दर्ज कराया।
बैठक में डीआरपी ने बताया कि मई 2024 से उनका मानदेय लंबित है, जबकि योजना के 2021 में शुरू होने के बाद से द्वितीय भुगतान अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसके अलावा, उद्यमियों की सब्सिडी में हो रही देरी से उनके व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं, जिससे बैंकों ने भी ऋण देने से इनकार कर दिया है।
ACS का बयान और विवाद
ACS बी.एल. मीणा ने बैठक में कहा कि विभाग के पास ₹48 करोड़ उपलब्ध हैं, लेकिन भारत सरकार की शर्तों के कारण भुगतान रोका गया है। भारत सरकार ने निर्देश दिया है कि अनुसूचित जनजाति (ST) के लक्ष्य के तहत 2,500 उद्यम स्थापित होने चाहिए, जबकि अभी तक केवल 1,800 उद्यम ही स्थापित हुए हैं।
डीआरपी ने इस बयान पर असहमति जताई और कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिए किसी पर दबाव डालना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एक वर्ग विशेष के लिए सभी उद्यमियों को लाभ से वंचित करना अनुचित है।
बैठक में विरोध और ऑनलाइन मीटिंग खत्म
बैठक में डीआरपी द्वारा विरोध दर्ज कराए जाने के बाद बैठक को समाप्त कर दिया गया। डीआरपी ने विभाग पर योजना को गलत नीतियों और भ्रष्टाचार का शिकार बनाने का आरोप लगाया।
उद्यमियों और योजना पर प्रभाव
डीआरपी ने चेतावनी दी कि सब्सिडी में देरी और बैंकों द्वारा ऋण न देने से कई उद्यमी वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। इससे उनके उद्यम असफल हो सकते हैं, और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को भी झटका लग सकता है।
PMFME योजना, जो किसानों, महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने का उद्देश्य रखती है, जनता की भागीदारी से सफलता की ओर बढ़ रही थी। लेकिन मौजूदा वित्तीय और प्रशासनिक अड़चनों ने इसके भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
बैठक के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि योजना की सफलता के लिए सरकार को जल्द ही वित्तीय अड़चनों का समाधान निकालना होगा। डीआरपी और उद्यमियों का कहना है कि यदि समय रहते समस्याओं को हल नहीं किया गया, तो यह योजना अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल हो सकती है।