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बदमाशों को नहीं बल्कि निर्दोषों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाना चाह रही है बंथरा पुलिस

बदमाशों को नहीं बल्कि निर्दोषों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाना चाह रही है बंथरा पुलिस

ताबड़तोड़ चोरियों से उजागर हुई बंथरा पुलिस की नाकामी

समग्र चेतना/ राहुल तिवारी

लखनऊ । राजधानी के थाना क्षेत्र बन्थरा के हरौनी चौकी के ग्रामीण क्षेत्र के नारायणपुर ग्राम में रात्रि को आधा दर्जन से नाजायज असलहों से लैस होकर छः घरों में लूटपाट करके व फायर करके भागने पर ग्रामीणों व पुलिस द्वारा पीछा करने पर, उन पर भी फायर झोंक दिया । रात्रि में जबरन घर में घुसकर लूटपाट करना डकैत की परिभाषा में आते हैं ।

बन्थरा पुलिस गुनाहगारों को पकड़ने के लिए बड़े ही निम्नस्तर का उपयोग कर रही है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हरौनी पुलिस येन केन प्रकारेण निरीह दैनिक राहगीर मजदूरों को पकड़ करअपना गुडवर्क लेना चाहती है । इसी कड़ी में ग्राम दरियापुर, सरोजनी नगर के चार अनुसूचित जाति के (पासी) समाज के नवयुवक अमन, रजनीश, सतीश, चन्द्र शेखर अपनी अपनी मज़दूरी सद्दुलानगर में करके वापस घर आ रहे थे ।

नारायणपुर के पास खड़े हरौनी चौकी इंचार्ज नीरज सिंह चंदेल ने उन चारों मजदूरों पर ही चोरी का आरोप लगा कर, उनको रोका और बिना पूछताछ किए, बँथरा थाने ले आये और बँथरा थाना पुलिस ने रात भर उनके बदन पर थर्डडिग्री इस्तेमाल कर मारा और जबरन उनसे जुर्म क़बूल करने का दबाव बनवाने लगे ।लेकिन वो यही कहते रहे कि मैने चोरी नहीं की है, हम लोग मज़दूर है, जहां से मज़दूरी कर के आये है वहाँ चलकर पूछताक्ष कर लीजिए, लेकिन पुलिस कुछ सुनने को तैयार नहीं थी रात्रि में सतीश रावत को बहुत मारा, जब लगा कहीं इसकी मृत्यु ना हो जाये तो सतीश को छोड़ दिया, बाक़ी तीनों मज़दूर लड़्को को रात भर बंद रखा, जब सुबह संज्ञान लेकर विधायक प्रतिनिधि ने थाना प्रभारी बन्थरा से बात की तो थाना प्रभारी ने बताया की ये लड़के चोर नहीं है, मैं अभी इनको छोड़ दूँगा लेकिन पुलिस ने इतना मार दिया था, इस लिये अपनी नाकामी छुपने के लिए उन तीनों लड़के जो पासी समाज से है उन्हें धारा-151( शांति भंग की आशंका) में शाम तीन बजे चालान कर दिया।

जब दोबारा एस०एच०ओ से पूछा गया तो गोलमोल जवाब भी दे रहे है बँथरा पुलिस अपनी नाकामी छुपने के लिए बेकसूर गरीब लोगों को जेल भेजकर और उन डकैतों को पकड़कर इति श्री करने के फिराक में है ।

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