महोली में मुरझा गया कमल, एक भी वार्ड में नहीं जीती भाजपा

खूब दौड़ी साइकिल, सपा प्रत्याशी की जीत में दिनेश गुप्ता ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
नगर पंचायत चुनाव में विधायक और पूर्व विधायक की प्रतिष्ठा थी दांव पर
महोली/सीतापुर। इस बार नगर पंचायत चुनाव सिर्फ प्रत्याशियों के बीच नहीं दिखा। यहां वर्तमान भाजपा विधायक और पूर्व सपा विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। खास बात यह कि पिछले दो चुनावों में जीत दर्ज कर पहले खुद और बाद में भाजपा के टिकट से अपनी पत्नी को चेयरमैन की कुर्सी पर बिठाने वाले दिनेश गुप्ता टीटू ने इस चुनाव में सपा प्रत्याशी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नौ दिनों तक जीत हार के कयासों के बाद शनिवार को मतगणना के बाद सपा प्रत्याशी केतुका ने 900 वोटों से जीत दर्ज की। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरोजिनी देवी को शिकस्त झेलनी पड़ी।
वैसे तो जिले की समर्थित प्रत्याशियों वाली हर सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर थी, लेकिन राजनीतिज्ञों का मानना है कि महोली नगर पंचायत में पूर्व चेयरमैन दिनेश गुप्ता टीटू का सांसद के पाले का होने के कारण वर्तमान विधायक से 36 का आंकड़ा ही माना जाता रहा। कार्यकाल पूरा होने पर आरक्षण के बाद सीट एससी होने के बाद से दिनेश गुप्ता टीटू के चुनाव न लड़ पाने से उनके विरोधी सक्रिय होने लगे। इसी दौरान दिनेश गुप्ता टीटू ने केतुका को लड़ाने की ठानी।
भाजपा द्वारा उनको दरकिनार कर सरोजिनी को टिकट दिया गया। जिसके बाद बागी हुए दिनेश गुप्ता टीटू न केवल सपा में शामिल हो गए, बल्कि केतुका को सपा के टिकट पर लड़ाया। जहां एक ओर भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए विधायक शशांक त्रिवेदी की प्रतिष्ठा दांव पर थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए सभाओं के साथ विशाल बाइक रैली भी निकाली थी। वहीं पूर्व विधायक अनूप गुप्ता व पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया ने भी नुक्कड़ सभाएं कीं। यही नहीं पूर्व चेयरमैन दिनेश गुप्ता टीटू ने दिन रात एक करते हुए सपा प्रत्याशी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।




