उत्तर प्रदेशलखनऊ

पूर्वजों कि स्मृति में ज्ञान दान ही है सर्वोच्च दान : उमानंद शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान, हिमालयन पॉलीटेक्टिक इंस्टीट्यूट में हुई युगऋषि ऋषि वाङ्मय की स्थापना

राहुल तिवारी

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंगायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 378वाँ युगऋषि ऋषि वाङ्मय की स्थापनादिर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत हिमालयन पॉलीटेक्टिक इंस्टीट्यूट के केन्द्रीय पुस्तकालय में शुक्रवार को गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 378वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना की गयी।सागरमल अग्रवाल एवं सुशीला देवी की स्मृति उपरोक्त साहित्य उनके पुत्र व वधु अशोक कुमार अग्रवाल एवं उनकी धर्मपत्नी प्रीती अग्रवाल तथा छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि पूर्वजों की स्मृति में ज्ञान-दान सर्वोच्च दान है हर जीवन जागृत आत्मा को ज्ञान यज्ञ के क्षेत्र में पुरुषार्थ करना चाहिये। इस अवसर पर पीडब्लूडी के पूर्व ईएनसी वी.के. श्रीवास्तव, संस्था के चेयरमैन दिलीप सिंह बाफिला, विभा श्रीवास्तव, व प्रीती अग्रवाल ने अपने विचार रखे।

इस अवसर पर उमानंद शर्मा, वी.के. श्रीवास्तव, एवं संस्था के चेयरमैन दिलीप सिंह बाफिला, इंजीनियरिंग के निदेशक डॉ. प्रितेश सक्सेना, फार्मा के निदेशक डॉ. अमित वर्मा, वी0के0 श्रीवास्तव, विभा श्रीवास्तव, प्रीती अग्रवाल, एवं विभागाध्यक्ष सहित छात्र-छात्रायें, संकाय सदस्य मौजूद थे।

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