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ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सरोजनीनगर में चला जागरूकता अभियान

विधायक राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में बांटे गए पम्पलेट

राहुल तिवारी

लखनऊ।उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने के उद्देश्य से राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 का 10 से 12 फरवरी 2023 के बीच राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना के सेक्टर 15 में अयोजित होने वाले इस समिट को भव्य बनाने की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। योगी सरकार इस आयोजन को दूसरे राज्यों के लिए मिसाल के तौर पर पेश करने की कवायद में जुटी हुई है।

एक ओर दुनिया भर से आने वाले निवेशकों व वीवीआईपी मेहमानों के लिए लखनऊ की साज-सजावट का काम जारी है तो वहीं दूसरी तरफ जनता को लगातार इस समिट के बारे में जागरुक किया जा रहा है। मंगलवार को सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बारे में पैम्फलेट बांटकर जनता को अवगत कराया गया। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने नेतृत्व में उनके विधानसभा क्षेत्र के सभी 6 मंडलों में पैम्फलेट बांटकर यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 के लक्ष्य तथा उससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभ बारे में जनता को बताया।

इसके साथ ही लखनऊ में 13 से 15 फरवरी तक होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में भी जनता को जानकारी दी गई। बता दें कि जी-20 सम्मेलन 2023 में भारत में होना है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। यह सम्मेलन यूपी के चार शहरों में लखनऊ, आगरा, वाराणसी, ग्रेटर नोएडा होगा।

सरोजनीनगर के मंडल 1, मंडल 2, मंडल 3, अर्जुनगंज मंडल, सरोजनीनगर मंडल और खुशहालगंज मंडल के चौराहों और मुख्य बाजारों में विधायक की टीम, भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने लोगों से भेंट की और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट व जी-20 सम्मेलन की जानकारी दी। इस दौरान नए साल के अवसर पर कैलेंडर व पेन जनता के बीच बांटे गए तथा विधायक के विकास कार्यों से जनता को अवगत कराया गया।

डॉ.राजेश्वर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश व प्रदेश निरंतर प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निर्धारित 17 लाख करोड़ निवेश के लक्ष्य के करीब पहुंच रही है। प्रदेश को अब तक 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्राप्त हुए है जबकि शिखर सम्मेलन से पहले ही करीब 10 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि यह गौरवपूर्ण है कि भारत को पहली बार जी 20 की अध्यक्षता का मौका मिला है। यह दुनिया के सामने भरत को अपनी प्रगति, शक्ति और विविधता प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर है। नागरिक के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम भारत को उसकी विरासत, संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप दुनिया के सामने पेश करें।

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