उत्तर प्रदेशलखनऊ

हिंदू समाज की महिलाओं को जागरुक होना की आवश्यकता-विकास हिंदू

हिन्दू शेर सेना ने महिलाओं को दिखाई निःशुल्क द केरला स्टोरी फिल्म
चित्र परिचय-फिल्म देखतीं महिलाएं।
सीतापुर। केरल में चल रहे लव जेहाद जैसे घृणित कृत्य पर बनी फिल्म द केरला स्टोरी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। लोग उसे देखना पसंद कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को शाम चार बजे एससीएम में राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना की ओर से इस फिल्म को बहन बेटियों को निःशुल्क दिखाया गया। राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास हिन्दू ने फिल्म के बारे में बेटियों को पूरी बात समझाई गई। उनको बताया गया कि यह महज फिल्म नहीं है, बल्कि एक सत्य घटना है।

इस सच्चाई से सभी को रूबरू होने की जरूरत है, क्योंकि जो केरल में हुआ है वह कहीं भी किसी के साथ हो सकता है। इसलिए फिल्म को देखने के साथ-साथ हमें जागरूक भी होना होगा। विकास हिन्दू ने बताया कि हमारी प्राथमिकता 15 वर्ष से 40 वर्ष तक की बहन बेटियों को इस मूवी को दिखाने की है। हम अपने समाज के सभी बहनों को जागरूक करना चाहते हैं। हमारे बच्चों को हमारे धर्म के विषय में ज्ञान होना चाहिए। देश के कुछ हिस्सों में सनातन धर्म को मानने वाली बहन बेटी के साथ इतना अत्याचार हो रहा है, इसके विषय में जानना आवश्यक है। जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप हिन्दू ने कहा कि हमारी बहन बेटियों को जागरूक होने की आवश्यकता है। लव जिहाद के चक्कर में न पड़ें अपने शिक्षा और अपने परिवार की सनातन संस्कृति पर गर्व करें। भारत तिब्बत सहयोग मंच के अध्यक्ष प्रभात अग्निहोत्री ने कहा कि हिंदू धर्म में मातृशक्ति को सम्मान की नजर से देखा जाता है। कहा जाता है कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। मैं अपने समाज की बेटियों से यही कहना चाहता हूं कि आप किसी विधर्मी के बहकावे में न आएं। अपने परिवार के लोगों की बात मानें और अगर आपके साथ या आपके आसपास कुछ गलत हो रहा हो तो उसका विरोध करने की आदत डालें। हम सब आपके साथ हैं अपनी समस्या को हम सबसे साझा कर सकते हैं। उसका उचित निदान भी किया जाएगा। इस मौके पर बहनों और बेटियों को भगवा दुपट्टे उपहार स्वरूप दिये गए। द केरला स्टोरी फिल्म को 160 मताओं- बहनों ने देखा। इस मौके पर शीतल अग्रवाल, विनीता, अंशु गुप्ता, वेदिका मिश्रा, पारुल, पूनम, ऋचा, सोनम, ख़ुश्बू, स्नेहा, अनुपमा, स्वाती आदि महिलाएँ उपस्थित रहीं।

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