कानूनगो व पुत्र सहित प्रापर्टी डीलरों पर नगर निगम भूमि विक्रय में जिलाधिकारी ने दर्ज कराया मुकदमा

अमौसी में नगर निगम की 50 बीघा भूमि पर प्लाटिंग, करोड़ो रुपयों की कमाई सफेदपोश भी संदेह के घेरे में ।
समग्र चेतना/ राहुल तिवारी
सरोजनीनगर । सरोजनीनगर में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग करने वाले अब नगर निगम के रडार पर हैं, प्रशासन ने भी सरकारी कार्मिको की संलिप्तता पर कड़ी कार्यवाही करते हुए, जिलाधिकारी, लखनऊ ने आदेश पत्र दिनांक 25-05-2023 को जारी किया । तहसीलदार सरोजनीनगर ने उक्त पत्र के आधार पर क्षेत्रीय लेखपाल जितेद्र ने सुशील कुमार शुक्ला व उनके पुत्र पारितोष शुक्ला पर कूटरचित साक्ष्यों के अनुसार धारा – 420, 467, 468, 471 की सुसंगत धाराओं के अर्न्तगत थाना सरोजनीनगर में मुकदमा दर्ज कराया है । सुशील कुमार शुक्ला, वर्तमान समय मलिहाबाद में राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं व तात्कालीन लेखपाल अमौसी के पद पर रहते हुए, नगर निगम की लगभग 25 बीघा भूमि पर प्रापर्टी डीलरों से साँठगाँठ करके व अपने पुत्र पारितोष शुक्ला को उसमें हिस्सेदारी दिलाकर व भागीदार बनाकर, लगभग ₹—60 करोड़ की भूमि पर बलात् कब्जा कराकर, अपनी देखरेख व अपने अध्यक्ष पद की हनक का संरक्षण देकर, नगर निगम की भूमि पर प्लाटिंग का कार्य वृहद स्तर पर शुरु कराया ।
नगरीय क्षेत्र में शामिल गांवों में राजस्व लेखपालों की मदद और भागीदारी से नगर निगम की भू— सम्पत्ति की बिक्री का धन्धा काफी फल—फूल रहा है । इसमें कई अधिकारी व सफेदपोश भी जाँच के घेरे में आ सकते हैं । नगर निगम की भूमि पर प्रापर्टी डीलरों के कब्जों व विक्रय की जब जन शिकायत होती है तो राजस्व लेखपाल, नगर निगम लेखपाल के साथ भूमि चिन्हाँकित करने में तबतक हीलाहवाली करते हैं, जबतक कब्जेवाली भूमि का विक्रय न हो जाय, और शिकायतकर्ता पर नाजायज दबाव बनवाकर उसे शान्त न कर दिया जाय । राजस्व लेखपाल सरकारी जमीनो पर बंदरबॉट का खेल सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है क्योंकि डीएम ने खुद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही शुरू कर दी है ।सरोजनीनगर नगर तहसील में सामने आए इस गंभीर मामले में सरकारी अधिकारी / कर्मचारी की भी मिलीभगत सामने आई है ।
नगरीय क्षेत्र में पूर्व में शामिल गहरु, गौरी, रहीमाबाद, गुड़ौरा, चिल्लावाँ, अलीनगर सुनहरा आदि गाँवों में नगर निगम की भूमि का यदि सर्वेक्षण कराया जाय तो हजारों बीघा जमीन प्रापर्टी डीलरों ने राजस्व लेखपालों की मदद से विक्रय करके, प्रापर्टी डीलरों की भाँति लग्जरी गाड़ियों के मालिक बने बैठे हैं, यदि इन गाँवों में नियुक्त हुए, लेखपालों की जाँच हो जाय तो इन्हें गिफ्ट में मिली कारों के साथ इनके द्वारा अर्जित की गयी अकूत सम्पत्ति का भी खुलासा हो जायगा । ऐसे ही कई गाँवों में प्रापर्टी डीलरों द्वारा कब्जा कर नगर निगम की भूमि बेचने की शिकायतें नगर निगम के सम्पत्ति विभाग में धूल खा रही हैं ।




