आदिवासी समुदाय को उद्यमी बनाकर मुख्य धारा से जोड़ेगा रूरल हब
झारखंड! गाय ग्रामीण संसाधन और आधुनिक तकनीक आधारित गौमंगल ग्रामोदय मिशन के अंतर्गत रूरल हब के प्रतिनिधि मंडल ने झारखंड और बिहार की यात्रा की, इस यात्रा का उद्देश्य गाँव में उद्यमों की स्थापना हेतु संभावनाएं तलाशना और सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल है।

रांची: बिहार की तरह झारखंड को भी श्रमिकों की फैक्ट्री कहा जाता रहा हैं, एक तरह जहां टाटा स्टील, जिंदल जैसी नामी गिरामी उद्योग घरानों की बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां है वही दूसरी तरह गांव कस्बों के लोगों को मजदूरी करने के लिए अन्य प्रदेशों में जाना पड़ता है, गांव के संसाधन खाली पड़ें है, लाखों करोड़ों एकड़ भूमि खाली है, जंगल खाली है, दुग्ध उत्पादों की अनुपलब्धता है, गांव के अधिकतर लोग या तो अन्य प्रांतों में नौकरी – मजदूरी कर रहे है या बेरोजगार है।
युवाओं और बच्चों के लिए हर गांव कस्बे में खेल का मैदान है, जिसमें स्थानीय बच्चे सुबह शाम खेलते है, कई मायनों में झारखंड बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से अग्रणी है। जहाँ उत्तर प्रदेश के अधिकतर लोग रील बनाने और देखने सहित सोशल मीडिया में व्यस्त है वही झारखण्ड के लोग खेल के मैदानों में पसीना बहा रहे है।
गांव के युवा, किसान और महिलाएं में कार्य करने की क्षमता है और आत्मनिर्भर होने की ललक भी है, लेकिन अधिकतर लोगों में कमतरी का भाव है, लोगों को विश्वास ही नही है कि वह भी कुछ कर सकते है।
लोगों को अपने संसाधनों के सदुपयोग से आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू करनी होगी, यही से आत्मनिर्भर झारखण्ड बनाया जा सकता है, जो बिरसा मुण्डा सहित हज़ारों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और लोकनायकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गाँव में उद्यमों की स्थापना के लिए एकल खिड़की सेवाएं दे रहे स्टार्टअप रूरल हब के प्रतिनिधि मंडल ने झारखण्ड के कई जिलों का भ्रमण किया और वहां के शासन, प्रशासन और समाज के गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की। इसी कड़ी में गौ आधारित चिकित्सा पद्धति से किडनी, कैंसर चर्म रोगों का सफल इलाज कर रहे टाटा स्टील प्लांट के विद्युत अभियन्ता एम एस कुशवाहा और आस्तिक महतो से मुलाकात हुयी।
गाय, गांव के संसाधन और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के आधार पर झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के 265 प्रखंडों में 132500 से अधिक उद्यमों की स्थापना के लिए झारखंड ग्रामीण विकास संघ, पञ्चगव्य विद्यापीठ और रूरल हब मिलकर एकल खिड़की सेवाएं उपलब्ध कराएँगे।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना, कृषि अवसंरचना फण्ड और PMEGP योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को लाभान्वित किया जायेगा।
झारखंड, गाय ग्रामीण संसाधन और आधुनिक तकनीक आधारित उद्यमों के लिए संभावनाओं का प्रदेश हैं, यहां के आदिवासी समुदाय को उद्यमी बनाकर मुख्य धारा से जोड़ेगे।
गौरव कुमार गुप्ता, संस्थापक – रूरल हब