उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

पुलिस अधीक्षक व प्रशासन की मनमानी पर कारागार राज्यमंत्री ने दिया कलेक्ट्रेट में धरना

  • सैकड़ों समर्थको के साथ करीब एक घंटे धरने पर बैठे राज्यमंत्री सुरेश राही
  • पुलिस पर लगाया हिस्ट्रीशीटर प्रधान को सरक्षंण देने का आरोप

सीतापुर। जिला प्रशासन व पुलिस की मनमानी के चलते सूबे के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही को शनिवार सुबह कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठना पड़ा। राज्यमंत्री डीएम कार्यालय के सामने अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ राज्यमंत्री धरने पर बैठ गए।

राज्यमंत्री के धरने पर बैठते की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के हडकंप मच गया सम्पूर्ण समाधान दिवस में जा रहे डीएम एसपी कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यमंत्री को उठाया और राज्यमंत्री को डीएम अपने साथ कार्यालय लेकर गए और बातचीत की। राज्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया है।

हरगांव सीट से बीजेपी विधायक सुरेश राही विधायक है और योगी 2.0 की सरकार में कारागार राज्यमंत्री है। कार्यकर्ताओं पर शांति भंग की नोटिस जारी करने से नाराज राज्यमंत्री शनिवार को धरने पर बैठ गए। राज्यमंत्री का आरोप है कि पिपराभीरी गांव में मौजूदा प्रधान पति एक हिस्ट्रीशीटर है और पुलिस ने उसे सुरक्षा दे रखी है। उनका कहना है कि वह दबंग है और गांव में बनी गौशाला से रात में पशुओं को निकाल देता है जिस पर ग्रामीणों ने विरोध किया तो मारपीट भी की। ग्रामीणों ने मुकदमा लिखवाया तो बदले में प्रधान पति ने पुलिस के साथ मिलकर क्रास मुकदमा दर्ज करा दिया।

राज्यमंत्री ने बताया कि यही नही कुछ दिन पूर्व हिस्ट्रीशीटर प्रधानपति ने अंबेडकर की मूर्ति भी तुड़वा दी तो मेरी शिकायत पर पुलिस अधीक्षक से जांच कराकर प्रधानपति के खिलाफ कार्यवाई की बात कही थी। राज्यमंत्री का आरोप है कि मेरे कहने के बाद भी एसपी ने हीलाहवाली की और उसके बाद प्रधानपति के इशारे पर 170 ग्रामीणों के खिलाफ एसडीएम सदर ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे का आरोप लगाकर 107/16 की नोटिस भिजवा दी।

राज्यमंत्री ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। डीएम-एसपी से केबिन में वार्ता के बाद राज्यमंत्री ने बताया कि वह प्रशासन से नाराज नही थे और वह सिर्फ अपनी जनता को न्याय दिलाने के लिए जमीन से जुड़ी जनता के साथ बैठे थे। इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया कि सीतापुर का जिला प्रशासन का रवैया कैसा है जब राज्यमंत्री को अपनी बात सुनवाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा तो आम जनता का क्या हाल होगा।

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