स्रोता वक्ता दोनों ज्ञान के भंडार होते हैं-साध्वी ऋचा

सीतापुर। अखिल भारत वर्षीय श्रीराम चरित मानस मेला समिति के द्वारा आयोजित मानस मेला नगर के लाल बाग में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बढ़ी धूम धाम से आयोजित किया जा रहा है। आज देश की प्रसिद्ध राम कथा वाचिका साध्वी ऋचा मिश्रा ने धर्म मंच से राम कथा कहते हुए कहा कि स्रोता वक्ता दोनों ज्ञान के भंडार होते हैं पर श्रोता को यज्ञ मंडप में प्रवेश करते समय समस्त विचार छोड़कर आने चाहिए क्योंकि जब पात्र खाली होगा तभी उसमे कुछ समाहित हो सकेगा।
श्रोता को नीचे तथा वक्ता को ऊपर इसलिए बिठाया जाता है, क्योंकि गंगा और ज्ञान सदैव ऊपर से नीचे की ओर ही कि चलते हैं। अगर मन कोई संसय रहेगा तो कभी भी कथा का पूर्ण आनन्द व लाभ प्राप्त नही हो सकता। भगवान शिव व माता शती दोनों एक साथ कथा सुनने गए थे। शती ने कथा में संशय किया तो उन्हें अपना तन त्यागना पड़ा। राम कथा तो संसय को नष्ट करने वाली है। कार्यक्रम के पूर्व में प्रातः यज्ञाचार्य ब्रिजेन्द्राचार्य द्वारा विधिवत यज्ञ प्रारम्भ कराया गया।
ओमप्रकाश शास्त्री द्वारा श्रीमद्भागवत कथा कही गयी। विगत वर्ष आयोजित विद्यालयी कार्यक्रम के विजयी प्रतिभागियों व विगत वर्ष आयोजित कार्यक्रम में सहयोग करने वाले समाज सेवी व सम्मानित जनों का सम्मान किया गया। समिति के अध्यक्ष विस्वम्भर तिवारी ने बताया कि यह कार्यक्रम आगामी 8 नवम्बर तक प्रतिदिन होगा। भागवत कथा 10 से 2 तथा ऋचा मिश्रा द्वारा रामकथा 2 से 6 बजे तक होगी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। उक्त जानकारी पंकज पांडेय ने दी।




