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सरोजनीनगर में बने अमेजॉन के बियर हाउस में अधिकारियों की सांठगांठ से हो गए करोडों के वारे न्यारे

147 बीघे में बने अमेजॉन बियर हाउस में कब्जा करा दी गयी 11 बीघे सरकारी तालाब की भूमि

राहुल तिवारी

लखनऊ। सरोजनीनगर तहसील में अधिकारियों और लेखपालों की सांठगांठ के चलते करोड़ो रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया है। ये कब्जा जानी मानी ऑनलाइन व्यापार करने वाली अमेजन के बियर हाउस के द्वारा किया गया है। 147 बीघे में बने इस बियर हाउस में 11 बीघे सरकारी तालाब की जमीन है। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के तालाबो को कब्जामुक्त कराने के आदेश के बाद भी सरकारी तालाब को पाटकर कब्जा कैसे हो गया इसका जवाब ना तो लेखपाल के पास है और ना ही एसडीएम सरोजनीनगर के पास पर यह तो साफ है कि इसमें करोडों के वारे न्यारे जरूर हुए हैं।

जहाँ एक ओर सुप्रीम कोर्ट सभी सरकारी तालाबों को कब्जा मुक्त करने का आदेश जारी कर चुकी है वहीं प्रापट्री डीलर सरकारी तालाबों को भी करोड़ों रूपये लेकर उसको भी रजिस्ट्री करवा दे रहे हैं। इस खेल में प्रापट्री डीलर के साथ गाँव के ग्राम प्रधान भी शामिल हैं। शायद इन्होंने भी प्रापट्री डीलरों से मोटी रकम लेकर तालाबों की जमीन को बेचने की सहमति जता दी और लेखपाल ने भी मोटी रकम लेकर इन तालाबों की जमीन को नपवाने में सहयोग कर दिया।

ऐसा ही मामला सरोजनीनगर तहसील के ग्राम सभा भौकापुर और बेंती का है, जहाँ भौकापुर ग्राम सभा के नजदीक लगभग 147 बीघे में बना एमेजान का बियर हाउस शायद इस बियर हाउस के अन्दर भौकापुर ग्राम सभा और बेंती ग्राम सभा का लगभग 11 बीघा तालाब की भूमि मौजूद है जिसका सौदा भी प्रापट्री डीलर ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल ने मिलकर कर दिया और बियर हाउस के मालिक से करोड़ों रुपये की रकम लेकर डकार गए।

जिला प्रशासन आज तक मात्र मूकदर्शक बना हुआ है जबकि सुप्रीम कोर्ट लगातार देश में बने तालाबों को मुक्त करने व उनकी खुदाई करने के लिए आदेश कर रहा है ताकि जल संचय बना रहे और प्रकृति की इन धरोहरों से खिलवाड़ न हो सके लेकिन मोटी रकम लेकर इन प्रापट्री डीलरों ने बेंती ग्राम सभा और भौकापुर ग्राम सभा के 11 बीघा तालाब की जमीन का भी सौदा कर दिया।

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