युगऋषि का साहित्य धर्म एवं अत्याध्यम के तत्व ज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है: उमानंद शर्मा
राष्ट्रीय पुस्तक मेले में लगे गायत्री परिवार के काउंटर पर उमड़ रही लोगों की भारी भीड़,पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 3200 पुस्तकों का किया गया है प्रदर्शन, डिप्टी सीएम ने भी किया पुस्तकों का अवलोकन
लखनऊ। गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित भव्य सम्पूर्ण साहित्य का प्रदर्शन हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रीय पुस्तक मेले में किया गया है यह मेला 2 अक्टूबर तक बलरामपुर गार्डेन चलेगा। मेले में गायत्री परिवार के काउंटर पर रोज भारी संख्या मे आम से खास लोगों के आने का सिलसिला जारी है।
यहां आने वाले छात्र छात्राओं में ऋषि साहित्य के प्रति विशेष आकर्षण देखने को मिल रहा और लोग ऋषि साहित्य की पुस्तकों को बड़ी संख्या में खरीद कर ले भी जा रहें हैं।
लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेले में रूप में युग ऋषि द्वारा रचित सम्पूर्ण साहित्य प्रदर्शित किया गया है। उपरोक्त जानकारी मुख्य मेला संयोजक उमानंद शर्मा ने दी।
श्री शर्मा ने बताया कि ‘‘युगऋषि का सद्साहित्य धर्म एवं अत्याध्यम के तत्व ज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है धर्मतंत्र से लोक शिक्षण की प्रेरणा देता है।’’ वेद, पुराण, उपनिषद, के साथ-साथ वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के विषय को प्रतिपादित करने वाला साहित्य छात्रों के लिए, महिलाओं, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, न्यायपालिका, कार्यपालिका वैज्ञानिक एवं धर्मतंत्र से जुडे़ हुए सभी के लिए ऋषि साहित्य उपलब्ध 3200 पुस्तकें प्रदर्शित की गयी हैं। जिसे देखने हजारों की संख्या में लोगों आना जाना बना हुआ, लोग अपनी पसंद की पुस्तकें क्रय करके ले भी जा रहे हैं।
अब तक आने वाले विशेष लोगों में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित, प्रत्रकार, लेखक, शिक्षक, शिक्षिकायें, महिलायें, छात्र, छात्रायें, बुद्धजीवी वर्ग, जनप्रतिनिधि इत्यादि का प्रतिदिन आ रहे हैं।
उपरोक्त साहित्य की जानकारी देने हेतु उमानंद शर्मा, पंचम सिंह यादव, देवेन्द्र सिंह, रोहित, एच.डी मिश्रा, जितेन्द्र सिंह, शिवम, रिषभ इत्यादि कार्यकर्ता आने वाले लोगों को साहित्य की जानकारी दे रहे हैं। दो रूपये मूल्य का भी साहित्य उपलब्ध है।