मूलभूत मुुद्दो को छोड़ पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार, मतदाता भी उलझे

मूलभूत मुुद्दो को छोड़ पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार, मतदाता भी उलझे
निकाय चुनाव की तैयारी कर रहे पार्टी के कार्यकर्ताओ को नही मिला सिंबल
सोसल मीडिया पर हंगामा
राहुल तिवारी/ समग्र चेतना
बंथरा, लखनऊ। नगर निकाय चुनाव वैसे तो सरकार का चुनाव होता है क्योंकि वर्तमान की सरकार जिन प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार बनाती है मतदाता का रुझान भी अक्सर उन्ही प्रत्याशियों की ओर रहता है लेकिन नवगठित नगर पंचायत बंथरा की राजनीति इस बार कुछ और लग रही है। सूत्रों की माने तो जातीय समीकरण के चलते सही उम्मीदवार का चुनाव नही हो पाया है जिसके चलते मतदाता भ्रमित दिखाई दे रहे हैं।
इस चुनावी समारोह निकाय बंथरा मे भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता पार्टी की नीतियों से परेशान हैं। अपनी भड़ास को या यूं कह ले पार्टी से चुनाव लडने के इच्छुक कार्यकर्ता जिन्हें किसी विशेष उद्देश्य से पार्टी के जिम्मेदारों ने हक नही दिया जिसके चलते आज सोसल मीडिया से लेकर अन्य प्लेटफार्मों पर बगावत कर रहे हैं।
उधर उच्च नेता ऐसे बगावत कर रहे नेताओं को तरह तरह से लुभाकर पार्टी के सिंबल पाए हुए नेता को चुनाव जिताने के लिए हर तरह से मान मुरौवत कर रहे हैं कई तरह की प्रतिष्ठाए भी इन नेताओं पर थोप रहे है लेकिन फिलहाल कोई विशेष प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है। निकाय क्षेत्र मे अन्य प्रमुख पार्टियों से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी अपनी दम खम दिखाने मे लगे हुए हैं। उम्मीदवार चाहे समाजवादी पार्टी से हो या फिर कांग्रेस पार्टी से कोई किसी से कम नहीं है। लेकिन मतदाताओं को कौन कितना लुभा पाता है इसका पता नतीजा आने के बाद ही लगेगा। अगर इस निकाय चुनाव की बात की जाए तो कोरा मुद्दाविहीन चुनाव है।
ऐसे में इस निकाय चुनाव को जीतने वाले उम्मीदवार किन सुविधाओं से यहां के लोगों को विभूषित करेंगे इस बात फिलहाल कोई जिक्र नहीं किया जा रहा है अभी तो अपनी अपनी ढोल मढ़ाने मे लगे हुए हैं फिलहाल अभी मतदाता भी बड़ी शांति से सभी उम्मीदवारों की आवभगत करते दिखाई दे रहे हैं।