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सीआरपीएफ ने मनाया अपना 85वां स्थापना दिवस

सीआरपीएफ ने मनाया अपना 85वां स्थापना दिवस

समग्र चेतना

लखनऊ।सरोजनीनगर के बिजनौर स्थित सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र परिसर में गुरुवार को शौर्य, पराक्रम, बलिदान एवं मानवीय मूल्यों के स्वर्णिम व गौरवमयी इतिहास से परिपूर्ण विश्व के सबसे बड़े एवं पुराने अर्धसैनिक बल के रूप में स्थापित सीआरपीएफ का 85वां स्थापना दिवस समारोह पूरे जोश व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस दौरान सीआरपीएफ अधिकारियों एवं वीर जवानों को राष्ट्रपति द्वारा दिए गए पुलिस पदकों से अलंकृत किया। इस मौके पर डिप्टी सीएम पाठक ने सीआरपीएफ को उसके स्थापना दिवस की बधाई दी और इस बल द्वारा देश की आंतरिक सुरक्षा में किए गए योगदान को अद्वितीय बताते हुए उसे याद किया।

उन्होंने कहा कि अपने गठन से लेकर अब तक सीआरपीएफ के हजारों वीर रणबांकुरों ने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर सरकार एवं आम जनता के भरोसे को कायम रखा है।इससे पहले सीआरपीएफ के महानिरीक्षक सतपाल रावत ने उपस्थित अधिकारियों एवं जवानों से देश सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत का प्रमुख केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल है।

उन्होंने संसद पर आतंकवादी हमला व श्रीलंका में शांति सेना सहित इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज इस बल के शौर्य तथा बलिदान की अनेक वीर गाथाओं का विस्तृत वर्णन किया।महानिरीक्षक रावत ने बताया कि
02 बटालियन से प्रारंभ होकर आज 247 बटालियनों के साथ सीआरपीएफ को विश्व के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल होने का गौरव प्राप्त है। राष्ट्र की सेवा में अभी तक जहां सीआरपीएफ के 2200 से अधिक बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

वही बल के शौर्य एवं पराक्रम को सर्वोच्च मान्यता देते हुए वर्ष 2023 के गणतंत्र दिवस तक कुल 2200 वीरता के पदक प्रदान किये गये हैं। समारोह में उपमहानिरीक्षक डीके त्रिपाठी, उप महानिरीक्षक एचके कनौजिया, उप महानिरीक्षक एसपी सिंह, उप महानिरीक्षक भूपेन्द्र कुमार, उप महानिरीक्षक सुनील कुमार व अधीनस्थ अधिकारी,जवान और उनके परि वारीजन मौजूद रहे।

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