जब चरागाह की जमीन इंसान चट कर जाएंगे तो जानवरों को बेसहारा होने से कौन रोक पाएगा

Suyash Mishra and Rahul Tiwari
संत की सरकार में गाय को सहारा देने की जो कोशिश हो रही है शायद वो आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुई। ये गो माता का ही आशीर्वाद होगा जो सीएम योगी की लोकप्रियता दिनोदिन बढ़ रही है। एक रिपोर्ट में वह देश के सबसे ताकतवर 100 लोगों में 6ठे स्थान पर पहुंच चुके हैं। सीएम का मन और मंसा दोनों साफ हैं लेकिन अधिकारी अब तक नहीं समझ पाए।
मामला सरोजनीनगर विधानसभा के पिपरसंड ग्राम सभा का है। यहां चरागाह की लगभग 2 बीघा जमीन पर माफियाओं ने कब्जा जमा लिया। गाय का हक मारकर लोगों के मनोरंजन के लिए यहां ओपेन सिनेमाघर खोल दिया गया है। विदेशी टेक्नोलॉजी से लैस ये सिनेमाघर लोगों का मनोरंजन कर रहा हैं वहीं बेसहारा गाय योगी के बुल्डोजर का इंतजार।
यही है एनके सिनेमाज। लोगों के मनोरंजन का वो अड्डा जो गायों की कब्र खोदकर बना है। जी हां ये जमीन है चरागाह की। लेकिन यहां गायों के लिए चारा नहीं कंकरीट का महल बन गया है। ये हम नही कह रहे हैं बल्कि उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर की वह रिपोर्ट कह रही है जिसकी शिकायत पिपरसंड ग्राम के ग्रामीण ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी लखनऊ ने उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर से स्पष्टीकरण मांगा। जिसमें स्वयं उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर ने एनके सिनेमा हाल को अवैध बताया है और जमीन की भी संस्तुति चारागाह में की है। बताया जा रहा है कि इस जमीन को लेकर राजस्व अधिनियम 2006 की धारा 67 में तहसील में मुकदमा भी लंबित है। तारीख पर तारीख पड़ रही है और माफिया सिनेमा हाल में मोटी रकम कमा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर ने सिनेमा हॉल को अवैध घोषित कर दिया और चारागाह की जमीन बता दी तो फिर आखिर अब अधिकारी किस चीज का इन्तजार कर रहे हैं।
वैसे गायों के साथ कागजी न्याय हो चुका है। पिछले महीने जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने इस मामले में संज्ञान लिया था जिसके बाद उन्होंने एसडीएम सरोजनीनगर को जांच के आदेश दिए थे। एसडीएम ने 31 मार्च को ही इस जमीन को चारागाह की बता कर सिनेमाघर के निर्माण को अवैध करार दे दिया है।
हो सकता है चरागाह की जमीन पर बने इस सिनेमाघर पर बुल्डोजर चल जाए। गायों को उनका हक भी मिल जाए लेकिन उन लोगों का क्या जिनकी सरपरस्ती में ये इमारत खड़ी हुई।




