उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

तो क्या भूमाफिया चला रहे हैं एसीपी मोहनलालगंज का दफ्तर?

विवादित जमीनों की खरीद फरोख्त के साथ ही विवेचना के नाम पर चल रहा है धन उगाही का खेल

राहुल तिवारी/समग्र चेतना

लखनऊ। जिन्हें जनता की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी दी गयी जब वे यह भूल कर भूमाफियाओं व दबंगो के साथ मिलकर प्रापर्टी डीलिंग का काम कर रहे हैं, यही नही अगर पत्रकार इन महाशय से कोई सवाल पूछते हैं तो तो जवाब देने के बजाए उल्टे उन्हें धमकाते हैं। ऐसा नही है कि इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को नही है लेकिन वह भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

राजधानी लखनऊ में अपराध का ग्राफ दिन प दिन बढ़ता जा रहा है और पुलिस कमिश्नर साहब हाथ पर हाथ धरे बैठे है मानो खुद कमिश्नर साहब का अपने ऐसे मातहतों पर कोई नियंत्रण नही रह गया है।

हम बात कर रहे हैं एसीपी मोहनलालगंज की जिनके कारनामे इस समय सुर्खियों में हैं। एसीपी साहब प्रापर्टी डीलरों के साथ बैठकर अब प्रापर्टी डीलरों को संरक्षण प्रदान करने का काम कर रहे हैं। किसी की जमीन की खरीद फरोख्त का काम हो तो एसीपी मोहनलालगंज से मिलिए यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह वह पत्र बोल रहा है जो मोहनलालगंज पत्रकार एशोसिएशन के अध्यक्ष अशोक तिवारी ने खुद पुलिस कमिश्नर लखनऊ को दिया है।

इसके अलावा एसीपी मोहनलालगंज कार्यालय में लगा पदमजा इनफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड का बोर्ड भी बोल रहा है। जिसका समाचार भी अखबारों में सुर्खियां बना था किन्तु पुलिस कमिश्नर और अन्य बड़े पुलिस अधिकारी मात्र मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे हैं। लखनऊ में मानों पुलिस की दादागिरी दिनोदिन बढ़ती जा रही है लेकिन न कोई देखने वाला है न कोई सुनने वाला है। जब लखनऊ में ही कानून व्यवस्था दुरूस्त नहीं है तो अन्य प्रदेशों में क्या हाल होगा इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। अभी एक सप्ताह पूर्व एसीपी मोहनलालगंज ने भागू खेड़ा की एक दलित महिला को भी प्रापर्टी डीलरों के दबाव में लेते हुए उससे जबरन जमीन की रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया था।

इससे पूर्व में इसी दबंग एसीपी ने वकीलों के साथ अभद्रता की थी जिसकों कमिश्नर साहब सहित लखनऊ के सभी अधिकारियों ने देखा मामला हाईलाइट भी हुआ लेकिन एसीपी के रसूख के आगे सब धरा रह गया। इतना ही नहीं एसीपी कार्यालय में लगभग 4 वर्षों से तैनात संदीप मुंशी जो एसीपी के इशारे पर मुकदमों की विवेचना के नाम पर क्षेत्रीय जनता का शोषण कर अवैध रूप से धन उगाही भी कर रहा है।

धर्मेन्द्र सिंह रघुवंशी के कार्यकाल में उनका कार्यालय इस समय प्रापर्टी डीलरों का कार्यालय बन चुका है। विवादित जमीनों का खरीद फरोख्त का काम किया जा रहा है गरीब जनता उनके कार्यालय में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

Related Articles

Back to top button
Close