उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

धार्मिक स्थलों पर मांस की दुकानें, बंथरा कोतवाल ने हवा में उड़ा दीं भाजपा नेताओं की शिकायतें

धार्मिक स्थलो के पास मांस और शराब की अवैध दुकानों का मामला

अनुशासनहीनता का अड्डा बना बंथरा थाना

तबादले के बाद भी नही रिलीफ किए गए एक दर्जन सिपाही और रसूखदार दरोगा

कटघरे में है लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की कार्यशैली

समग्र चेतना/ राहुल तिवारी

लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश जिसमे उन्होंने साफ तौर पर कहा कि धार्मिक स्थल के 100 मीटर में मांस और मदिरा की दुकानें नहीं होनी चाहिए पर बंथरा थाने के कोतवाल के लिए सीएम के आदेश भी शायद मायने नहीं रखते हैं तभी तो मीडिया में मामला उछलने के बाद भी बंथरा पुलिस की सेहत पर कोई असर नहीं है और क्षेत्र में दबंगई के साथ धार्मिक स्थलो के पास ही मांस और शराब की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं।

कहा जा रहा है कि पुलिस की भी इसमे हिस्सेदारी  रहती है। हालांकि चाहें किसी की धार्मिक आस्था को ठेस लगती है तो लगे इससे बंथरा के कोतवाल साहब को कोई लेना देना नहीं है। मामला यहीं नहीं रुकता बंथरा थाने में करीब एक दर्जन सिपाही और एक दरोगा 7- 8 साल से जमे है, इनमे जो दरोगा है वह सिपाही से दरोगा तक सफर इसी थाने में पूरा कर चुका है।

इनके तबादले भी हो चुके हैं लेकिन कोतवाल और डीसीपी दक्षिण विनीत जायसवाल की सांठगांठ इतनी तगड़ी है कि इन स्थानांतरित पुलिस कर्मियों को रिलीफ नही किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बंथरा थाना क्षेत्र में जितने भी अवैध धंधे चलते हैं उनसे धन उगाही का जिम्मा इन्ही दागदार पुलिस कर्मियों के ऊपर है इसी लिए इन्हे जानकर रिलीफ नही किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जहां एक तरफ अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि धार्मिक स्थलों मंदिर, गुरुद्वारा के आसपास 100 मीटर की दूरी पर कोई भी मांस, मदिरा की दुकान नहीं लगनी चाहिए। किंतु बंथरा पुलिस के लिए मुख्यमंत्री के ये आदेश भी महत्व नहीं रखते हैं। तमाम बार मीडिया में खबरें भी प्रकाशित हुई किंतु अवैध उगाही में व्यस्त बंथरा पुलिस की नींद अभी तक नही खुली है। बता दें कि लखनऊ कानपुर राजमार्ग बंथरा कस्बे में प्राचीन हनुमान मंदिर के सामने महज 50 मीटर की दूरी पर ही अवैध मांस की दुकान है वही 200 मीटर की दूरी पर वेंकटेश्वर और बालाजी मंदिर जाने वाले मार्ग पर भी अवैध मांस की दुकान है।

इन मंदिरों में आने वाले भक्तों को इससे काफी असुविधा होती है। बंथरा वासियों व भाजपा के जिला उपाध्यक्ष चंदर सिंह राठौर ने कई बार थाना प्रभारी बंथरा से इसकी शिकायत भी की पर जहां से कमाई हो रही उसके खिलाफ भला कोतवाल साहब क्यों सुनेंगे। बीते बुधवार को सरोजनी नगर से भाजपा विधायक डॉ राजेश्वर सिंह के प्रतिनिधि के एन सिंह ने भी थाना प्रभारी बंथरा को फोन मिलाकर इस समस्या के निराकरण के लिए कहा लेकिन उनकी बात को भी कोतवाल ने अनसुना कर दिया।

बंथरा क्षेत्र में थाना प्रभारी की तानाशाही रवैये से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। वहीं बंथरा थाने के तबादले के बाद भी सालों से जमे सिपाहियों और प्रोन्नत दरोगा की अब तक रवानगी न किया जाना भी बंथरा कोतवाल और डीसीपी दक्षिण की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करता है अब देखना होगा आलीशान कमरे में बैठकर लखनऊ की कानून व्यवस्था को संभालने वाले पुलिस कमिश्नर एबी शिरोडकर इन दागदार वरीधारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं या फिर हवा में उड़ा देते हैं क्योंकि यह तो साफ की अपने कमिश्नर साहब का भी रसूख बहुत तगड़ा तभी तो बड़ी से बड़ी वारदात के बाद भी वो अपनी कुर्सी पर कायम हैं।

Related Articles

Back to top button
Close