बंथरा हत्याकांड ने सबको झकझोर दिया: भाजपा में ब्राह्मण नेताओं का वजूद?

समग्र चेतना / राहुल तिवारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 18-20 किलोमीटर की दूरी पर बसे बन्थरा थाना क्षेत्र में मंगलवार को हुई एक हृदयविदारक घटना ने भाजपा में ब्राह्मण नेताओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में दबंगों ने मामूली सी बात पर एक ब्राह्मण परिवार के घर में घुसकर बेरहमी से हत्या कर दी, वहीं दो अन्य को बेरहमी से पीट—पीटकर घायल कर दिया।
इस घटना के तीन दिन बाद भी मौके पर यूपी का कोई भी बड़ा नेता नहीं पहुंचा। उत्तर प्रदेश में भाजपा के ब्राह्मण नेताओं की इतनी भी हैसियत नहीं बची कि वे इस जघन्य घटना का खुलकर विरोध कर सकें। न ही वे पीड़ित परिवार को न्याय दिला सके और न ही उन्हें सांत्वना देने की हिम्मत जुटा पाए। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और कैबिनेट मंत्री एके शर्मा जैसे प्रमुख ब्राह्मण नेताओं की स्थिति यूपी में क्या है इसका अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है यह घटना प्रदेश के सभी अखबारों, चैनलों पर प्रमुखता से चली है। दुर्भाग्य है कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में ही इस तरह की निर्मम हत्याकांड हो रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के विधायक और दर्जनों नेता होने के बावजूद, पीड़ित परिवार की पुकार अनसुनी की जा रही है।
घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी इसे जातीय दृष्टिकोण से देखा जा रहा है और भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है। आरोपियों की गिरफ्तारी घटना के 36 घंटे बाद भी नहीं हो पाई है, जिससे यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर ऐसे जघन्य अपराधों पर भी ब्राम्हण नेता हिम्मत नहीं जुटाएंगे तो भाजपा के ब्राह्मण नेता आखिर किस दिन काम आएंगे। इस घटना ने ब्राह्मण समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या भाजपा की सरकार और उसके नेता समाज के हर वर्ग को न्याय दिलाने में सक्षम हैं या नहीं।
बंथरा में युवक की लाठी-डंडों से पीट-पीट कर हत्या, दो अन्य घायल
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र स्थित बंथरा गाँव में बिजली ठीक कराने को लेकर हुए विवाद ने एक युवक की जान ले ली, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना 21 जुलाई की रात की है जब बिजली विभाग के कर्मचारी गाँव में विद्युत आपूर्ति को ठीक करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान कुछ घरों में बिजली आ रही थी, लेकिन अधिकांश घर अंधेरे में थे।
बिजली आपूर्ति को लेकर हुए विवाद में हितेश उर्फ ऋतिक पाण्डेय ने कहा कि सभी घरों में बिजली आनी चाहिए और कर्मचारियों को अपना काम करने देने की बात कही। इस पर गाँव के ही दबंग अवनीश, हिमांशू सिंह, प्रियांशू, प्रत्यूश और शनि सिंह ने 8-10 लोगों के साथ मिलकर ऋतिक के घर में घुसकर लाठी-डंडों और अवैध असलहों से हमला कर दिया। इस हमले में ऋतिक पाण्डेय, अभिषेक पाण्डेय और नौकर मैकू रावत गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ऋतिक पाण्डेय की लोकबंधु अस्पताल में मौत हो गई, जबकि अन्य दो का इलाज चल रहा है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
मृतक के परिवारजन और गाँव के लोग सुबह करीब 10 बजे लोकबंधु अस्पताल पहुँचे और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
कृष्णानगर एसीपी विनय कुमार द्विवेदी ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है। इसके बाद, लापरवाही बरतने वाले हलका उपनिरीक्षक सुभाष चन्द्र यादव, सहयोगी उपनिरीक्षक सुशील यादव और कांस्टेबल यतेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
ब्राह्मण समाज में आक्रोश
इस घटना ने ब्राह्मण समाज को झकझोर कर रख दिया है। समाज के लोगों में दुःख और आक्रोश व्याप्त है। वहीं, समाज के कमजोर वर्ग के लोगों में भी दहशत का माहौल है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। सवर्ण युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील शुक्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय की लड़ाई में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
इस घटना के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने नहीं पहुँचे। प्रभारी निरीक्षक बंथरा, हेमंत सिंह राघव को किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर निलंबित कर दिया गया है।




