कहीं यह दरोगा राहुल त्रिपाठी को फंसाने की सुनियोजित साजिश तो नहीं?

पड़ताल में चौकाने वाले तथ्य आए सामने!
एक नाबालिक किशोरी के भगाकर ले जाने के मामले की विवेचना से जुड़े हैं तार?
दरोगा के पास रुपया ना मिलने पर जबरन हाथों पर रंग डालकर दर्ज किया गया मुकदमा!
समग्र चेतना/ राहुल त्रिपाठी
लखनऊ। थाना बन्थरा के हरौनी चौकी इंचार्ज पर शनिवार को एंटी करप्शन टीम द्वारा की गई कार्यवाही में जब रविवार को पड़ताल की गई तो कुछ तथ्य चौकाने वाले सामने आए, चौकी पर छापा मारने वाली टीम को चौकी और चौकी इंचार्ज के पास कोई नकदी नही मिली तो पीजीआई थाने के टॉयलेट में ले जाकर उनके हाथों में जबरन रंग डालकर हांथ धुलवा दिए गए। आरोप है कि 10 हजार रुपए भी कहीं से लाकर बरामदगी दिखाकर उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। चर्चा यह भी है की पूरी योजना के साथ हरौनी चौकी इंचार्ज को फंसाया गया है।
हरौनी में हर ओर अब यही चर्चा है। दरोगा को रिश्वत लेते हुए अब तक कोई वीडियो नही आया है। सूत्रों कि माने तो लेनदेन का कोई वीडियो साक्ष्य नहीं है।
क्या कहना है हरौनी की जनता का
एक ऐसा दरोगा जो क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा तत्परता से कार्य करता था और उसकी छवि भी पूरे क्षेत्र में एक ईमानदार पुलिस कर्मी के रूप है उसके साथ एक अपराधी के साथ भी जैसा व्यवहार नही किया उससे भी ज्यादा अमानवीय व्यवहार किया गया। दरोगा राहुल त्रिपाठी के साथ किए गए इस अमर्यादित व्यवहार से पूरे क्षेत्र के लोगों में खासी नाराजगी है और लोग पुलिस के आला अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग कर रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निवासी कुरौनी बन्थरा की 16 वर्षीय किशोरी को ग्राम का ही विशाल रावत भगाकर कहीं ले गया था। जिसका मुकदमा थाना बन्थरा में दर्ज है, और जिसकी जाँच उप० निरीक्षक रामेश्वर यादव द्वारा की जा रही थी, परंतु रामेश्वर यादव के स्थानान्तरण उपरान्त उक्त मुकदमें में जाँच अधिकारी दरोगा राहुल त्रिपाठी को बनाया गया था। जिसकी वह गम्भीरता से जाँच कर रहे दरोगा ने बताया की विशाल रावत नाबालिग लड़की को एमएफ टावर, होटल स्थित बुद्धेश्वर में एक कमरा लेकर रुका था। जिसकी जाँच पड़ताल करने जब वह उस होटल गये और वहाँ के मैनेजर विनोद कुमार से गहनता से पूछताक्ष करने के बाद होटल के मालिक का बयान दर्ज करना था जब कई बार होटल जाने के बाद होटल मालिक नहीं मिले तो मैनेजर से कहा की अपने मालिक को हरौनी चौकी या थाना बन्थरा भेज दो जिससे बयान दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जा सके। विनोद कुमार द्वारा आश्वासन दिया गया कि शनिवार को बयान देने आयेंगे, परन्तु होटल मालिक फिर भी नही आया। जब वह अपनी चौकी हरौनी पहुँच कर अपने कमरे में आकर बैठ गये थे तभी अचानक चौकी के अंदर घुस आय अनजान व्यक्ति दरोगा राहुल त्रिपाठी को पकड़कर धक्का मुक्की करते हुए, सिविल ड्रेस में ले जाने लगे। तब जानकारी में आया कि यह एन्टी करप्शन टीम की रेड है। चौकी में बने कमरे या दरोगा के पास से नगद रुपया नहीं बरामद हुआ। वह बार बार चिल्लाकर यह कहते पाये गये कि पहले मेरी तलाशी ले लो यदि रुपया मेरे पास है तो जहाँ मन करे ले चलो। परन्तु टीम इतने क्रूरतम अमानवीय व्यवहार का कृत्य करते हुए ले जा रही थी, कि जनमानस में आक्रोश झलकता हुआ दिखायी दे रहा। उक्त टीम के चीफ हमेशा अपने अधिकारियों को तत्काल त्रिपाठी को उठाकर कहीं और ले चलने को कह रहे थे।
एन्टी करप्शन पुलिस टीम जबरदस्ती का आलम यह रहा की रुपयों की बरामदगी न मिलने पर भी कहीं से लाकर पीजीआई थाने में 10,000/- रुपये जमा कर दिए गए। राहुल त्रिपाठी के साथ थाने में बदसलूकी करके जबरन थाने के बाथरुम में ले जाकर उनके हाथों में रंग डालकर धुलवाये जाने के बाद धारा- 7,13(1) (b), 13(2),180 के अर्न्तगत मुकदमा पंजीकृत कराया गया।
विनोद रावत के अनुसार, जाँच अधिकारी राहुल त्रिपाठी द्वारा 20,000/- रुपयों की मांग की गयी थी, और कहा था कि होटल में नाबालिग लड़की को छिपाया है उस मुकदमें में फंसाने के लिए रुपयों की मांग की गयी थी।




