पुण्य तिथि पर याद किए गए पूर्व विधायक स्व. ओम प्रकाश

सीतापुर। पूर्व विधायक स्व. ओमप्रकाश गुप्ता की पुण्यतिथि का दिन है। यह दिन मेरे पूरे परिवार को हमेशा उदासी की याद दिलाता रहेगा। आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कह गये थे। बाबूजी के संघर्षाे के गवाह सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई तथा आस पास के जिलों के लोग हैं, उनकी बेबाक, निर्भीक और कर्तव्यनिष्ठ छवि सबके दिलों में जीवंत है। बाबूजी अपने करीबियों को अपने पुत्र और भाई की भांति ही प्यार देते थे। अनुशासनहीनता उन्हें कतई पसंद नही था। वह कहते थे अनुशासनहीनता का मतलब लापरवाही और लापरवाही सिर्फ कार्य में अवरोध पैदा करने का काम करता है।
हर कार्य को जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से निश्चित समयांतराल पर ही पूरा किया जाना चाहिये। उनका संकल्प था हर आगन्तुक की पुरजोर मदद करो, हर गरीब की लाठी बनो, उसकी आवाज़ बनो और यदि इसके लिये शासन दृप्रशासन से लड़ना भी पड़े तो पीछे नही हटना। न्यायप्रिय व्यवस्था की स्थापना के बगैर पारदर्शी विकास व्यवस्था का लक्ष्य हमेशा बेकार साबित होता रहेगा। वह आजीवन समाजवादी व्यवस्था के पैरोकारी थे। इसी व्यवस्था की स्थापना में समाजवादी पार्टी की स्थापना से लेकर मुलायम सिंह यादव के साथ कई संघर्षों में शामिल रहे, जिसमे उन्हें तमाम बार जेल जाना पड़ा, तमाम यातनायें सही फिर भी पीछे नही हटे।
आज ही के दिन सीतापुर ने अपने इस महानायक को खो दिया था। पिताजी की ग्यारहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं पूजन कर तथा ब्राह्मणों को भोजन करा कर पिताजी की दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई। उन स्वर्गीय ओम प्रकाश गुप्ता के जेल रोड स्थित आवास पर सुंदरकांड का पाठ उनकी पुण्यतिथि पर कराया गया सुंदरकांड पाठ के उपरांत नैमिशराय साधु-संतों को भोजन कराया गया साधु संतों को दान दक्षिणा देकर बड़े हनुमान मंदिर के निकट एक विशाल भंडारे का आयोजन कराया गया ओम प्रकाश गुप्ता की पुण्यतिथि के अवसर पर कराए गए भंडारे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।



