लखनऊ

चुनाव में पत्रकार और बुजुगों पर भी शान्तिभंग का केस

चुनाव में पत्रकार और बुजुगों पर भी शान्तिभंग का केस

बिना जांच पड़ताल के शांतिभंग में केस करने का आरोप

राहुल तिवारी/ समग्र चेतना

सरोजनीनगर संवाददाता
सरोजनीनगर । नगर निगम के अर्न्तगत वार्ड—5, राजा बिजली पासी—2 की पोलिंग रहीमाबाद में लगभग 5000 से ज्यादा ही वोटर व 04 बूथ का मतदेय स्थल बना हुआ है । जिसमें ग्राम रहीमाबाद के दो बूथ, कंचनपुरी व भक्तीखेड़ा का एक—एक बूथ लगाया जाता है । जिसमें अपने—अपने बूथ से राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता व चुनाव का संचालन करने वाले सभी नव युवक, जो अपने—अपने प्रत्याशियों को लेकर जोर—शोर से प्रचार—प्रसार कर रहे हैं ।

थाना बिजनौर द्वारा सहायक आयुक्त / कार्यपालक मजिष्ट्रेट कृष्णानगर, लखनऊ को भेजी गयी शान्ति व्यवस्था के निमित्त सूची पर सवाल उठ रहे हैं । रहीमाबाद में 73 साल के बुजुर्गों पर भी शांति भंग में कार्यवाही की गई है। वहीं आरोप है कि कई ऐसे लोगों को छोड़ दिया गया है जिनपर मुकदमें तक दर्ज हैं। आरोप है कि घर पर बैठकर ही ये रिपोर्ट भेजी गई है। हिन्दी दैनिक समाचार पत्र भारत कनेक्ट के संवाददाता अर्जुन सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर, सहायक पुलिस आयुक्त / कार्यपालक मजिष्ट्रेट, कृष्णानगर, लखनऊ को भेजी गयी है। इस पर अर्जुन सिंह ने बताया कि वह निराधार एवँ मनगढँत है । उपर्युक्त सूची में व्यक्तियों की कम उम्र अंकित करके, विवेचक / जाँचकर्ता द्वारा एकदम गलत व अशुद्ध सूची तैयार की गयी है ।

इसके सापेक्ष क्रमाँक 03 पर महेश प्रसाद यादव की उम्र लगभग 68 वर्ष, व 10 पर अनवर अली की उम्र 73 वर्ष और 09 पर आशिक अली की उम्र 63 वर्ष है सूची में अन्य 05-06 व्यक्तियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक उम्रदराज व्यक्ति है । वहीँ पर क्रमाँक 29 में राकेश कुमार यादव विद्युत विभाग में नौकरी करते हैं, राजनीति से दूर रहने के बावजूद भी नाम दर्ज किया गया है । इस सम्बन्ध में जब महेश प्रसाद से बात की गयी तो बताया कि हम शान्तिनगर में विगत कई वर्षों से निवासरत है वहीं अनवर अली द्वारा बताया गया कि हमारे पैर के घुटने खराब होने के कारण चलने फिरने में जब हमें दिक्कत होती है, तो हम किसका प्रचार—प्रसार करेंगे और किससे झगड़ा कर पायेंगे, आशिक अली ने कहा कि जो नवयुवक जोरशोर से प्रत्याशी को लेकर प्रचार कर रहे हैं और साथ में घूम रहे हैं उन्हे सूची में सम्मिलित न करके चुनाव के दिन खुला संरक्षण देकर खुली छूट दी जा रही है, पुलिस उच्चाधिकारियों से संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही करने की अपेक्षा की है। आपको बता दें कि चुनाव के समय पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसी कार्यवाही उन लोगों पर करती है जिनका पूर्व में रिकॉर्ड होता है।

Related Articles

Back to top button
Close