नैतिक शिक्षा के बिना सम्पूर्ण शिक्षा अधूरी है: उमानंद शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान, डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में हुई 346वाँ युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय लखनऊ’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 346वाँ वाङ्मय साहित्य वाङ्मय भाई एवं भाभी में शिव दयाल शर्मा एवं शुभकांता शर्मा की स्मृति में श्री माधव स्वरूप शर्मा ने सभागार में कोविड प्रोटोकाल के अनुसार सूक्ष्म कार्यक्रम में वाङ्मय स्थापना के कार्यक्रम में भेंट किया।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है। नैतिक शिक्षा के बिना सम्पूर्ण शिक्षा अधूरी है। प्रो. बालचन्द यादव तथा प्रो. आर.आर.सिंह ने भी अपने विचार रखे संस्थान के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह में कहा महापुरुष के साहित्य मानव जीवन को अमूल चूल परिवर्तन कर उसे महामानव बना सकते हैं। डॉ. दिनेश कुमार ने संस्थान की ओर से गायत्री परिजनों धन्यवाद व्यक्त किया।
उपस्थित छात्र छात्राओं संकाय सदस्यों को अखण्ड ज्योति पत्रिका वितरित की गयी।
इस अवसर पर संस्थान के कुलपति डॉ. राणा कृष्ण पाल सिंह प्रो. आर.आर. सिंह, डॉ.दिनेश कुमार उमानंद शर्मा डॉ. नरेन्द्र देव, माधव स्वरूप शर्मा ऊषा शर्मा मनीष शर्मा व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।




