शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को ग्राम विकास अधिकारी ने धमकाया

सकरन/सीतापुर। विकासखंड सकरन क्षेत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति ने संबंधित पंचायत सचिव पर परिवार रजिस्टर से नाम गायब कर परिवार रजिस्टर की नकल देने के एवज में 2 हजार रुपए की मांग करने का आरोप लगाया आरोप लगाया था जिस पर खंड विकास अधिकारी की ओर से प्रकरण की जांच दोषी पंचायत सचिव को ही सौंप दी गई दोषी पंचायत सचिव के द्वारा शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय में बुलाकर शिकायत करने पर फटकार लगाते हुए धमकाया भी गया।
क्षेत्र के ग्राम पंचायत सकरन निवासी विकास पुत्र रामचंद्र ने खंड विकास अधिकारी सकरन को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि सचिव संत लाल पटेल के द्वारा ग्राम पंचायत के मामलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करते हुए ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में पूरे परिवार का नाम ही गायब कर दिया गया है जब पंचायत सचिव से परिवार रजिस्टर की नकल लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया तो पंचायत सचिव संतलाल ने बताया कि परिवार रजिस्टर में तुम्हारे परिवार का नाम दर्ज नहीं है, जिस पर सचिव की तरफ से तहसील से शपथ पत्र बनवा कर लाने को कहा गया था।
वहीं पीड़ित की ओर से शपथ पत्र बनवा कर लगभग 2 सप्ताह से प्रतिदिन ब्लॉक के चक्कर काटे जाने पर पंचायत सचिव की मनमानी कार्यशैली के चलते लगातार टालमटोल की जा रही थी। आरोप यह भी था कि अब पंचायत सचिव संतलाल के द्वारा परिवार रजिस्टर की नकल देने के एवज में 2000 की मांग करते हुए कहा जा रहा है कि परिवार रजिस्टर में ऐसे नाम नहीं दर्ज होते हैं, उसके लिए शुल्क जमा करना पड़ता है।
पीड़ित की ओर से पंचायत सचिव की मनमानी व भ्रष्टाचारी कार्यशैली को लेकर खंड विकास अधिकारी सकरन को प्रार्थना पत्र देते हुए जांच कर भ्रष्टाचारी सचिव के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की गई थी हद तो तब हो गई जब खंड विकास अधिकारी सकरन के द्वारा दोषी पंचायत सचिव को ही जांच सौंप दी गई। जात के नाम पर दोषी सचिव के द्वारा पीड़ित को अपने कार्यालय पर बुलाकर धमकाते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया तथा साथ में मौजूद क्षेत्र पंचायत सदस्य को कमरे से बाहर निकलने को भी कहा गया। मामले को लेकर पीड़ित की ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।




