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ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है:उमानन्द शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान, अम्‍बेडकर विश्‍वविद्यालय कैंपस में हुई 445वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना

समग्र चेतना/ राहुल तिवारी

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत भौतिकीय एवं निर्णय विज्ञान विद्यापीठ, अम्‍बेडकर विश्‍वविद्यालय कैंपस, रायबरेली रोड के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 445वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम मंगलवार को सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री अर्चना गुप्‍ता ने लोक कल्‍याण निमित्‍त भेंट किया तथा उपस्थित संकाय सदस्‍य एवं छात्र-छात्राओं को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भी भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के कुलपति आर०के० मित्‍तल ने इस ज्ञानयज्ञ के लिये प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। संस्‍थान के डीन प्रो० बाल चन्‍द्र यादव, डॉ० ज्‍योति पाण्‍डेय, प्रो० कमान सिंह एवं गायत्री परिवार की डॉ० नीलम गुप्‍ता ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, डॉ० नीलम गुप्‍ता, श्रीमती अर्चना गुप्‍ता एवं विश्‍वविद्यालय के वी०सी० श्री आर० के० मित्‍तल, संस्‍थान के डीन प्रो० बाल चन्‍द्र यादव, डॉ० ज्‍योति पाण्‍डेय, प्रो० कमान सिंह, भॉतिकी विभाग, गणित विभाग, सांख्यिकी विभाग एवं रसायन शास्‍त्र विभाग के विभागाध्‍यक्ष सहित संस्‍थान के संकाय सदस्‍य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।

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