JE को क्लीन चिट गरीब को कनेक्शन देने वाले SDO का तबादला

राहुल तिवारी/समग्र चेतना
लखनऊ। कोई भी योजना जनहित के लिए होती है। खास से लेकर हर आम आदमी के लिए। सरकार, सिस्टम और अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वह हर गरीब तक योजना पहुचाये। इसमें कोई भेद भाव नहीं होना चाहिए। लेकिन बिजली विभाग में कभी कभी दोहरा मापदंड देखने को मिल ही जाता है।
ताजा मामला लखनऊ स्थित उपखण्ड सरोसा भरोसा का है। एक गरीब को कनेक्शन देना उपखंड अधिकारी सरोसा भरोसा शेषमणि त्रिपाठी को महगा पड़ गया है जबकि इससे पहले अनन्या प्रापर्टी की लाइन बगैर स्टीमेट बन गयी थी जिसका प्रकरण काफी मीडिया में सुर्खियां भी बना था लेकिन बिजली विभाग में बैठे चेयरमैन से लेकर एम डी व मुख्य अभियंता सेस गोमती ने आंखे बंद कर ली थी और कार्यवाही सिर्फ लाइन मैनो पर हुई थी।
अधिकारियों को बिजली विभाग के बड़े जिम्मेदारों ने क्लीन चिट दे थी क्योंकि अनन्या प्रापर्टी डीलरों ने शायद मोटी रकम दी थी। जिसका कुछ हिस्सा ऊपर तक पहुँच गया था लेकिन एक गरीब के घरेलू कनेक्शन के लिए चार खम्भे का स्टीमेट की जगह महज एक खम्बा कम कर देने मात्र से ही बिजली विभाग के चेयरमैन के आदेश पर एस डी ओ सरोसा भरोसा शेषमणि त्रिपाठी का स्थानांतरण कर दिया गया ।
बात कुछ हजम नही हो रही है कि जहाँ एक ओर मोदी सरकार सभी गरीबों को बिजली कनेक्शन देने के लिए संकल्प वद्ध है और गरीब की फरियाद पर अगर बिजली किसी प्रकार से मिल गई तो एस डी ओ का ट्रांसफर करके सजा सुना दी गई है वहीं नादरगंज पावर हाउस में 10- 10 साल से बाबू से लेकर एक एक साल से अवर अभियंता तैनात हैं क्या बिजली विभाग के जिम्मेदारो को दिखाई नहीं देता है या फिर सभी ने आंखें बंद कर ली है मामला सरोसा भरोसा पावर हाउस के अन्तर्गत सैदपुर पुरही गाँव का है जहाँ का निवासी किसान आशीष कुमार ने 2 किलो वाट घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदन किया था जिसका सर्वे अवर अभियंता खुरूमपुर पावर हाउस द्वारा किया गया था अवर अभियंता द्वारा 4 खम्भे का स्टीमेट घरेलू कनेक्शन के लिए बनाया गया था लेकिन उपभोक्ता द्वारा पुनः अनुरोध पर अवर अभियंता द्वारा फिर से सर्वे करते हुए एक खम्बा कम कर दिया गया था ताकि किसी गरीब को किसी तरह से कनेक्शन मिल जाए लेकिन अपना व्यपार मंडल के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव को एक गरीब को कनेक्शन देना शायद पसंद नहीं आया और आनन फानन में बिजली विभाग के चेयरमैन एम देवराज को ज्ञापन सौप दिया गया और यह आरोप लगाया गया कि उपखंड अधिकारी ने एक खम्बा कम कर दिया जबकि उपभोक्ता ने बिजली के सम्बंधित अधिकारियों को भी शपथ पत्र दिया था कि उसके द्वारा किसी भी अधिकारी को कोई अतिरिक्त रूपया नहीं दिया गया मेरी गरीबी परिस्थितियों को देखते हुए जेई व एस डी ओ ने एक खम्बा कम करते हुए मुझे कनेक्शन दिया है लेकिन बगैर जांच के ही आनन फानन में एस डी ओ का स्थानांतरण कर दिया गया जबकि जेई सत्यम सिंह पर कृपा कायम है। जबकि सर्वे इन्होंने ही किया था।



