उत्तर प्रदेशराजनीतिलखनऊ

पुराना गौरव वापस पाना चहता है सरोजनीनगर का ब्राह्मण

लंबे समय तक सरोजनीनगर विधानसभा ने दिए हैं ब्राह्मण विधायक

इस बार सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा को जिताने के मूड में है जनता

राहुल तिवारी

लखनऊ । विधानसभा क्षेत्र सरोजनी नगर में काफी अर्से तक ब्राह्मण बिरादरी के विधायक बनते रहे हैं यदि देखा जाए तो सबसे अधिक समय तक ब्राम्हण समाज के विधायक सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में होते रहे हैं इस खोए गौरव को वापस पाने की ललक ब्राह्मण समाज में समाई हुई है और वह एकजुट होकर अपने समाज के व्यक्ति को विधायक चुनना चाहते हैं ।

यदि देखा जाए तो जबसे विधानसभा के चुनाव प्रारंभ हुए हैं तब से अब तक सबसे अधिक बार जाति के हिसाब से ब्राह्मण बिरादरी के विधायक सरोजनी नगर से होते रहे हैं । ब्राह्मण बिरादरी से चार बार विधायक और मंत्री रहे सिसेंडी निवासी राजा विजय कुमार त्रिपाठी तथा रहीम नगर पड़ियाना निवासी शारदा प्रताप शुक्ला तीन बार विधायक एवं मंत्री रह चुके हैं, वर्ष 2012 के चुनाव में शारदा प्रताप शुक्ला सबसे कम धन खर्च करके तीसरी बार विधायक बने थे और अखिलेश यादव सरकार में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री भी बनाए गए थे उसके बाद 2017 के चुनाव में उनका टिकट काटकर समाजवादी पार्टी ने अनुराग यादव को सपा का उम्मीदवार बना दिया था लेकिन फिर भी शारदा प्रताप शुक्ला निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े थे और उनको लगभग 42 सौ मत प्राप्त हुए थे, लेकिन 2017 के चुनाव में सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्मण एवं क्षत्रिय सहित सभी मतदाताओं ने एकजुट होकर स्वाति सिंह के रूप में भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय श्री दिलाई थी लेकिन स्वाति सिंह की उदासीनता और क्षेत्र के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति उनका निराशा भरा रवैया उनको क्षेत्र से पलायन पर मजबूर कर गया ।

वर्ष 2017 की परिस्थितियों में और आज की परिस्थितियों में बहुत बड़ा अंतर है, 2017 के चुनाव से पूर्व स्वाति सिंह के पति और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख और दलित समाज की सबसे बड़ी नेता पूर्व मुख्यमंत्री बहन मायावती के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान देने के कारण बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं ने मुखर होकर स्वाति सिंह और उनके परिवार तथा बच्चों के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था जिसके कारण ब्राह्मण, क्षत्रिय सहित सभी वर्गों के लोगों ने बसपा को हराने के लिए और समाज को एक संदेश देने के लिए स्वाति सिंह को भारी बहुमत से विजय बनाने का कार्य किया था लेकिन आज की परिस्थितियां बिल्कुल बदली हुई है ना तो भाजपा के प्रति समाज के लोगों में बदले की कोई भावना है और ना ही किसी प्रकार की लहर है ।

विगत 2017 के चुनाव में किसी प्रमुख दल से ब्राह्मण समाज का उम्मीदवार ना होने के कारण भी ब्राहमण समाज ने भाजपा प्रत्याशी को पूरा समर्थन देकर विजयश्री दिलाने का कार्य किया था लेकिन आज की परिस्थितियों में जब समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण समाज से अभिषेक मिश्रा जैसे भारी भरकम कद्दावर नेता को सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार दिया है तब भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी राजेश्वर सिंह के लिए रास्ता कठिन हो गया है, ब्राह्मण समाज गुपचुप तरीके से रोजाना अपने समाज की बैठके करके अपने समाज के प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा को विजई बनाने के लिए पूरी तरह तत्पर है ।

ब्राह्मण समाज में एक उत्सुकता भरा माहौल है और अपने समाज के प्रत्याशी को विजयश्री दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं, ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों ने दबी जुबान से यह भी कहा कि पूर्व में बाहर से आई भाजपा प्रत्याशी स्वाति सिंह को हम लोगों ने पूरा समर्थन दिया था लेकिन उन्होंने 5 वर्ष में हमारे समाज के लोगों का केवल अपमान किया है किसी के लिए कोई सम्मानजनक कार्य नहीं किया है पूर्व में हम लोगों ने सब कुछ देख लिया है इसी कारण आज हम सब लोग इकट्ठे होकर अपने समाज के प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा को जिताने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं जिसमें हम लोगों को सफलता भी मिलेगी.

वैसे भी सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता है बताया जाता है कि लगभग एक लाख वोटर ब्राह्मण, 70 हजार क्षत्रिय, 80 हजार पासी, 50 हजार यादव , 30 हजार लोधी, 35 हजार मुस्लिम, 40 हजार जाटव सहित लगभग साढ़े पांच लाख मतदाता है , ऐसी परिस्थिति में यदि ब्राह्मण मतदाता एकजुट होकर एक जगह चला गया तो चुनाव परिणामों मैं भारी उलटफेर हो सकता है जैसा कि वर्तमान में ऐसा ही परिदृश्य दिखाई पड़ रहा है वैसे चुनाव के नतीजे आने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है लेकिन मतदाता का रुझान भी बहुत मायने रखता है, यदि ब्राह्मण वर्ग में सुगबुगाहट देखी जाए तो उसे अपना खोया गौरव वापस पाने की पूरी ललक है और उस पर वह दृढ़ प्रतिज्ञ होता भी दिखाई पड़ रहा है ।

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