सरोजनीनगर में बीजेपी के राजेश्वर सिंह की जीत में इन चार नेताओ ने निभाया अहम रोल

शंकरी सिंह व शारदा प्रताप शुक्ला का टिकट काटना सपा को पड़ा महँगा
समग्र चेतना/ राहुल तिवारी
लखनऊ। सरोजनीनगर में बीजेपी के प्रत्याशी व ईडी के पूर्व निदेशक डॉ राजेश्वर सिंह की जीत की इबारत लिखने में क्षेत्र के दिग्गज नेताओ का अहम योगदान रहा इसे नकारा नही जा सकता। यह एक बड़ा कारण था कि सपा के प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा ब्राह्मण होने का भी लाभ नही ले पाए जबकि सरोजनी नगर में ब्राह्मण वोट की संख्या काफी अधिक है।
सरोजनीनगर विधानसभा सीट में जो चुनाव देखने को मिला वह काफी दिलचस्प था। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार व ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे डॉ राजेश्वर सिंह जो सरोजनीनगर विधानसभा से लगभग 56 हजार वोटों से विजयी हुए हैं इसमें क्षत्रिय और ब्राह्मण की एकजुटता ने इनकी जीत को काफी शानदार तरीके से सुनिश्चित किया।
यही नहीं राजेश्वर के लिए सरोजनीनगर के प्रमुख तीन नेता भी संजीवनी साबित हुए। इन नेताओं में यूपीसीएलडीफ के चेयरमैन विरेंद्र कुमार तिवारी, समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शिव शंकर सिंह चौहान ” शंकरी, सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ला व भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार तिवारी ” रिंकू एक बड़ा योगदान रहा। चुनाव की शुरुआत होने के बाद सपा छोड़ भाजपाई हुए शिव शंकर सिंह चौहान शंकरी व पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला दोनों की नाराजगी सपा से ऐन वक्त पर टिकट का कटना था।
ये दोनों नेता ही समाजवादी पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे और बीते एक वर्ष से चुनाव की तैयारी भी कर रहे थे लेकिन आखिरी समय पर इन दोनों लोगों का अखिलेश यादव द्वारा टिकट काटना उन्हें काफी महंगा पड़ गया और प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा जो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे उनकों करारी हार का सामना करना पड़ा।
आपको बता दे शारदा प्रताप शुक्ला व शिव शंकर सिंह चौहान शंकरी सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक लाख वोटो पर फर्क डालने की अहमियत आज भी रखते हैं। वहीं विरेंद्र कुमार तिवारी जो सरोजनीनगर के ब्राह्मण वर्ग को साधने में काफी अहम भूमिका रखते हैं वहीं किसान नेता रिंकू तिवारी का भी क्षेत्रीय किसानों और गरीब तबके में मज़बूत पकड़ होने से मतदाताओं पर काफी प्रभाव डालता है और गरीबी वर्ग उनके साथ चलता है।
रिंकू तिवारी गौ सेवा को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं यही कारण है कि ये सरोजनीनगर के चार नेता राज राजेश्वर सिंह के लिए संजीवनी साबित हुए और उन्हें विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।




