उत्तर प्रदेशलखनऊ

समयावधि गुजर जाने के बाद भी नहीं प्रारम्भ हो सका सड़क निर्माण का कार्य

मिश्रिख/सीतापुर। प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में स्वीकृत हुई सड़क समयावधि गुजर जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ होने की बाट जोह रहा है। विभागीय जिम्मेदार पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। इस सड़क निर्माण के बाबत लगाया गया प्राक्कलन बोर्ड खुलेआम ग्रामीण जनता को मुंह चढ़ा रहा हैं। इस जर्जरित मार्ग पर आवागमन बाधित हो रहा है। लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। सूबे के मुखिया को मामले की जांच कराकर संबंधित दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की आवश्यक्ता है।

कस्बा मिश्रित के परसौली चौराहा से बिनौरा तक जाने वाला 5.050 किलोमीटर लंबी सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 351.73 लाख रुपये में स्वीकृत हुआ था। जिसके कार्य प्रारंभ की तिथि 27 अप्रैल 2022 थी और 1 वर्ष में 26 अप्रैल 2023 तक इसका निर्माण पूर्ण होना था। इस कार्य का ठेका विश्व समुद्र इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश के ठेकेदार को दिया गया था। यह कार्य कराने की संस्था पीएमजीएसवाई, पीआईयू, ग्राआवि सीतापुर व्दारा निर्धारित समयावधि में पूरा कराना था। परसौली चौराहा लगा प्रांकलन बोर्ड खुले आम इस बात की गवाही दे रहा है। लेकिन समयावधि गुजर जाने के बाद भी रोड निर्माण की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है।

मजेदार बात तो यह है कि लगभग छः माह पहले ठेकेदार द्वारा पूर्व निर्मित जर्जर रोड के किनारे पटरियों पर जेसीबी से मिट्टी पटान और समतलीकरण कराया गया था। लेकिन विडंबनाओं के चलते अभी तक रोड निर्माण कार्य शुरु ही नहीं हुआ है। ग्रामीणों में चर्चा तो इस बात की है। कि ठेका प्राप्त करने वाली संस्था के जिम्मेदार कहीं कागज पर मार्ग पूर्ण दिखाकर धनराशि तो हजम नहीं कर गए हैं। अगर ऐसा नहीं तो समयावधि गुजर जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं। इस मार्ग पर गांव परसौली, किशनपुर, सीपतपुर, सदियापुर भुड़पुरवा, चांदपुर, बिनौरा, लेखनापुर, किरतापुर आदि के हजारों ग्रामीणों को रोजाना आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बीबीपुर चौराहे को जोड़ने वाला यह मार्ग अपनी दयनीय दशा पर आज भी आंसू बहाने को मजबूर है। जिससे अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रही है।

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