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कैसे मिटे बेरोजगारी! जब 99 का टारगेट 01 पर हो अटका

लखीमपुर: जिला के किसानों को उद्यमी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई दिशाओं में कार्य कर रहे है, इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री खाद्य उद्यम उन्नयन योजना और एक जिला एक उत्पाद के तहत केला किसानों को उद्यमी बनाने और जिला के उद्यमियों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्नयन करने के लिए योजनाएं बनाई है, इस योजना के तहत किसान आसानी से सरकारी गारंटी पर बैंक से लोन प्राप्त कर लाभ ले सकता है, सरकार ने कई शासनादेश जारी किए लेकिन बैंक अधिकारियों और जिम्मेदार जिला प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण मार्च 2022 तक 99 का लक्ष्य 01 पर अटक गया है। योजना से जुड़े अधिकारी के अनुसार अभी तक जिला में 64 आवेदन किसानों और उद्यमियों ने किये है जिसमें बैंकों ने केवल 03 सेक्सन किए 07 रिजेक्ट किये और 01 किसान उद्यमी को योजना का लाभ मिल सका है। बीते कई महीनों से बेरोजगार युवा किसान बैंकों के चक्कर लगा लगा कर हताश हो चुके है, बैंकों ने मार्च के महीने में बैंक क्लोजिंग और अप्रैल में ऑडिट का बहाना बनाकर टालना शुरू किया है।
इस योजना से जुड़े अधिकतर आवेदकों ने बताया कि बैंक अधिकारियों को योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए योजना के लागू होने में लेटलतीफी हो रही है सरकार ने शासनादेश जारी करके कहा है कि किसानों को अपनी खेती की जमीन को औद्योगिक कराने की जरूरत नहीं है इस योजना में बैंक गारंटी के रूप में सरकार सीजीटीएमएस के तहत लाभान्वित कर रही है जिसके तहत कुछ पैसा उद्यमी से लिया जाएगा। बैंक सरकार की गारंटी पर उद्यमी किसानों को आसानी से लोन दे सकते हैं लेकिन बैंक सीजीटीएमएस के तहत इस योजना का लाभ देने में कतरा रहे है। सरकार और अधिकारियों के लिए यह योजना सभी योजनाओं की तरह होगी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं ने इस योजना के तहत लाभ लेकर कुछ करने का प्रयास शुरू किया लेकिन हमेशा की तरह फिर से उनका सरकार के प्रति विश्वास और उद्यमी बनने के सपना धाराशाही होता प्रतीत हो रहा है।

©गोपाल तिवारी

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