घूस लेने का लगाया आरोप, निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन

बिसवां/सीतापुर। जन सेवा समिति के सौजन्य से ग्राम पंचायत देवकलिया के पंचायत भवन में सीतापुर आंख अस्पताल द्वारा एक निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर दिनेश, डॉ अनुज सिंह, डॉक्टर अजीत पाल, डॉक्टर अक्षिता शर्मा ने अपनी टीम के साथ मरीजों की आंखों की जांच की व सही सलाह दी। संस्था के संयोजक डॉ राजेंद्र कुमार मौर्य अपने अथक प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के कैंप लगाकर ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने का कार्य बराबर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव के लोग आज भी अपने स्वास्थ्य के बारे में नहीं सोचते यही कारण है कि कभी-कभी छोटी-छोटी बीमारी एक बड़ी बीमारी का रूप ले लेती हैं। इन कैंपों के माध्यम से उन्हें सही सलाह व सही जांच मिल जाती है। कैंप में लगभग चार सौ मरीजों की जांच की गई, जिससे 90 मरीजों को आपरेशन के लिए बुलाया गया।
बिसवां/सीतापुर। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला पठानी टोला निवासी धनपाल सिंह पुत्र सूर्य बक्श सिंह अपनी मोटरसाइकिल नम्बर यूपी 34 वाई 0663 से समय 1 बजे दोपहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिसवां पर दिखाने के लिए गया हुया था। उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल स्वास्थ्य केन्द्र के मुख्य द्वार पर खड़ी करके दिखाने चला गया और जब वापस आया तो उसकी मोटरसाइकिल गायब मिली। भुक्तभोगी ने कोतवाली बिसवां मे तहरीर दे दी है।
अधिकारियों द्वारा घूस लेने का लगाया आरोप
इमलिया सुल्तानपुर/सीतापुर। एलिया ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा घूस लेने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मुस्तफाबाद में शिवप्यारी पत्नी रामनरेश देवीमां स्वय सहायता समूह 11 महिलाओं के साथ मिलकर चलाती है। ब्लॉक से 2,21,000 स्वयं सहायता समूह चलाने के लिए पास हुआ था। ब्लॉक मिशन मैनेजर कंप्यूटर ऑपरेटर धीरज मिश्रा ने 10,000 हजार रुपये की सचिव शिवप्यारी से घूस की मांग की थी। सिवप्यारी ने आरोप लगाते हुए बताया है कि ब्लॉक मिशन मैनेजर धीरज मिश्रा ने 10,000 रुपये लेकर स्वयं सहायता समूह का नया सचिव बदल कर 2,21,000 रुपये निकाल दिए हैं। सिवप्यारी ने खण्ड विकास अधिकारी विकास कुमार सिंह को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है। जंहा एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भ्रस्टाचार रोकने के दावे कर रही है, वहीं एलिया ब्लॉक के कर्मचारी व अधिकारी सरकार को ठेंगा दिखाते हुए चुनौती दे रहे हैं। इसकी जानकारी जब एडीओ एएसबी से लेने की कोशिश की गई तो पल्ला झाड़ते नजर आए।




