कारगिल विजय दिवसः धरने पर बैठा शहीद के परिवार के माता पिता, 18 साल से मिला सिर्फ आश्वासन

राहुल तिवारी
लखनऊ । राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में स्थित दरोगा खेड़ा मे कृष्णा लोक कॉलोनी में कारगिल विजय दिवस कारगिल शहीद दिवस के अवसर पर लखनऊ में शहीद असिस्टेंट कमांडेंट विवेक सक्सेना के परिजन धरने पर बैठे हैं । आरोप है कि 18 साल से अधिकारियों और विभागों के चक्कर लगा रहे हैं । महज आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है ।
सोमवार को कारगिल विजय दिवस कारगिल शहीद दिवसके मौके पर पूरा देश वीर सपूतों के शौर्य पराक्रम और देश के लिए दी गई शहादत को नमन कर रहा है लखनऊ में रहने वाले शहीद असिस्टेंट कमांडेंट विवेक सक्सेना असिस्टेंट कमांडेंट विवेक सक्सेना का परिवार देश के हुक्मरानों से सपूत की शहादत के बदले मिलने वाले सम्मान के लिए धरने पर बैठा है । परिवार का आरोप है कि 18 साल से अधिकारियों की चौखट के चक्कर काटने के बाद भी सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला । इससे नाराज शहीद का परिवार सरोजनी नगर के दरोगाखेड़ा स्थित कृष्णा लोक कॉलोनी शहीद स्मारक के सामने धरने पर बैठ गया
शहीद विवेक सक्सेना की मां सावित्री देवी ने बताया कि वह अपने बेटे रंजीत सक्सेना के साथ लगातार तहसील के चक्कर काट रही हैं, ताकि सहायता राशि और जमीन का आवंटन मिल सके । शहीद की मां ने बताया कि तहसील के अधिकारी कहते हैं कि शहीद का परिवार यहां का निवासी नहीं है, इसलिए सहायता नहीं मिल रही है । मां का कहना है कि जब तक सरकार द्वारा घोषित की गई, सहायता राशि और भूमि नहीं दी जाती, तब तक वह और उनका परिवार धरने पर बैठे रहेंगे.धरने पर शहीद का परिवार.इसे भी पढ़ें-कारगिल शहीद दिवस जांबाजों की कहानी रिटायर्ड मेजर आशीष चतुर्वेदी की जुबानीराजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में जन्मे शहीद विवेक सक्सेना केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की. इनके पिता फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्व. रामस्वरूप सक्सेना ने देश के लिए 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ी थी. इसी से प्रेरणा लेकर विवेक ने भी सेना में जाने का मन बनाया । 4 जनवरी 1999 को खुफिया विभाग के इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में भर्ती हुए । कुछ समय बाद 22 जुलाई 2000 में सीमा सुरक्षा बल में दाखिल हो गए और मणिपुर में तैनाती हुई जनवरी 2003 को मणिपुर में आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकामयाब करने के लिए चले 7 दिन के ऑपरेशन के दौरान 8 जनवरी 2003 को विवेक सक्सेना शहीद हो गये कारगिल शहीद दिवसशहीद विवेक सक्सेना की प्रतिमा भारत सरकार द्वारा उनकी शहादत के बाद उनके इस अदम्य साहस को देखते हुए शौर्य चक्र और पुलिस मेडल से सम्मानित किया था सरकार ने ग्राम सभा में भूमि का आवंटन और एकमुश्त राशि समेत अन्य लाभ दिए जाने की घोषणा भी की थी, लेकिन सरकार द्वारा घोषित कोई भी लाभ आज तक शहीद के परिवार को नहीं मिल पाया है ।
 
					 
					



