सुप्रसिद्ध आश्रम लल्लापुर के मंदिरों में पड़े ताले

आश्रम के अधिकारी की गैर हाजिरी में महंत ने मंदिरों में डाले ताले
सकरन/सीतापुर। थाना क्षेत्र के सुप्रसिद्ध लालापुर आश्रम का है। जहां पर विगत दिनों दामाखेड़ा सुप्रसिद्ध लल्लापुर आश्रम के अधिकारी छोटे दास पुत्र छेद्दूदास ने सुप्रसिद्ध आश्रम लल्लापुर की बागडोर आश्रम के ही महंत गुरुप्रसाद पुत्र छेद्दूदास को देकर दामाखेड़ा मेला को चले गए, वहीं मेले से वापसी कर आश्रम पहुंचे अधिकारी छोटे दास पुत्र छेद्दूदास तो देखा कि आश्रम के सभी मंदिरों में ताले पड़े हुए हैं तो आश्रम अधिकारी यह देख दंग रह गए। फिर उन्होंने आश्रम के महंत गुरु प्रसाद को बुलाकर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि इस आश्रम का असली वारिस मैं हूं। आप क्या है जो आपको आश्रम की बागडोर दे दिया जाए। आश्रम का असली मालिकाना हक हमारा है। हमें जो अच्छा लगेगा वह करूंगा आप कौन होते हैं।
में रोकने टोकने वाले आश्रम से भाग जाओ नहीं तो जान से मार दिए जाओगे। यह सुनकर अधिकारी भयभीत ह,ै क्योंकि विपक्षी लोग काफी दबंग किस्म के लोग हैं, जिनके द्वारा कभी भी मेरी हत्या हो सकती है और सुप्रसिद्ध आश्रम लल्लापुर की धन दौलत और प्रॉपर्टी पर दबंगों का कब्जा हो सकता है। दबंग विपक्षियों के नाम इस प्रकार हैं गुरु प्रसाद पुत्र छेद्दूदास, राजेंद्र प्रसाद पुत्र अनिरुद्ध सिंह, मेवा लाल पुत्र प्रसादी, राजू पुत्र भल्लर, कपिल पुत्र अग्रेशन कपिल, बृजेश सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह, दीनदयाल पुत्र मुख्य राम, रामखेलावन पुत्र नंहूं जो कि थाना क्षेत्र सकरन के ही मूल निवासी हैं, जिनसे भयभीत होकर प्रार्थी छोटेदास पुत्र छेद्दूदास ने जिला अधिकारी सीतापुर व पुलिस अधीक्षक सीतापुर को प्रार्थना पत्र देकर मामले की शीघ्र अति शीघ्र जांच कर कानूनी कार्यवाही व जानमाल की सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।




