अब कौशल का काम बोलता है

राहुल तिवारी/ समग्र चेतना
लखनऊ। नेता वो जो हर आम और खास के लिए न सिर्फ सुलभता से उपलब्ध हो, बल्कि आमजन के सुख दुख का साथी हो। उत्तर प्रदेश में नेताओं की कमी नहीं है। लेकिन उन्हें सरलता से मिलना मुश्किल है। केद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर अक्सर कहा करते हैं कि सांसद का फोन नंबर जिसकी जेब में सांसद उसकी जेब में। यह जुमला नहीं हकीकत है।
कौशल किशोर अब जनप्रिय नेताओं की रेस में शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में गिने चुने नेता होंगे जिनके दरबार में फरियादियों, मिलने वालों का ताता लगता हों। राजधानी लखनऊ के दुबग्गा स्थित उनके आवास में हर रोज लगने वाला हुजूम बताता है कि उन्होंने राजनीति में क्या कमाया। कौशल किशोर ने समाज के हर वर्ग, हर तपके में अपनी पैठ बनाई है।
कौशल किशोर के बारे में कहा जाता है कि वह सिर्फ 4 से 5 घंटे ही सोते हैं। जनता के बीच रहना उनकी समस्याओं को निपटाना। उनके सुख दुख में शामिल होना उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। कौशल किशोर का मानना है कि वह गरीबी से उठकर आगे आए हैं। इसलिए उन्हें हर समाज के दुख दर्दों का अहसास है। वह मानते हैं कि इस समाज और जनता उनको सेवा करने का अवसर दिया है। इसलिए वह पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी से अपना धर्म निभाने की कोशिश करते हैं ताकि जनता का विश्वास उन पर ऐसे ही बना रहे।
साफ सुथरा समाज बनाना संकल्प
कौशल किशोर का मानना है कि जब लोग साफ सुथरा होंगे तो समाज भी सभ्य होगा। सनातनी संस्कृति को बचाने के लिए समाज को सही दिशा देने की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है। नशा, सभ्य समाज को सबसे ज्यादा दूषित कर रहा है। लाखों परिवारों को नशें ने बर्बाद कर दिया है। किसी का बेटा नशे की भेंट चढ़ा तो कोई बेटा अनाथ हो गया। उनका मानना है कि हम नशे की नई पौध नहीं बनने देंगे। कौशल किशोर, देशभर में नशे के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
हालही में गृह मंत्री अमित शाह ने भी सदन में कहा था कि प्रतिबंधित नशे के व्यापारियों के लिए सिर्फ जेल ही सही जगह है।




