पुलिस की उदासीनता के चलते अवैध हथियारों के सौदागरों के हौसले बुलंद

- कहां से आते हैं अवैध हथियार?
रामनाथ रावत
सीतापुर जिले मे पुलिस की लापरवाही के चलते अवैध हथियारो की खरीद फरोख्त जोरो पर है अवैध हथियारो के सौदागर दिन दूनी रात चौगुनी कर अपराध को अंजाम दे रहे है।पुलिस का तंत्र पूरी तरह फेल साबित हो रहा है।पुलिस का लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एलआईयू ) व मुखबिर तंत्र भगवान् भरोसे है, जिले मे अवैध हथियारो के मिलने का सिलसिला जारी है।अवैध हथियारो के साथ बदमाश पकड़े जा रहे है । कट्टा, पौना, बन्दूक बरामद हो रहे है पुलिस तालाब की छोटी मछलियो को पकड़कर सम्बन्धित धाराओ के तहत मुकदमा दर्ज कर अपराधियो को जेल की सलाखो के पीछे भेज देती है।
पुलिस के अलर्ट होने के बावजूद भी बदमाश अवैध हथियार जनपद मे कब , कैसे, कहा से लाते है इस प्रश्न का उत्तर किसी थानेदार से लेकर किसी अधिकारी के पास नही है।जबकि सबसे अधिक हत्या अवैध हथियारो से होती है ।अवैध हथियारो के साथ बदमाशो को पकड़ने के बाद पुलिस ने अपराधियो से कभी यह जानने की कोशिश नही की कि आखिर अवैध हथियार कहा से लाये, कब लाये , कैसे लाये,किसके माध्यम से लाये और किस लिए लाये, इन अवैध हथियारो का सौदागर कौन है? बदमाशो को पकड़ने के बाद पुलिस कार्रवाई कागजो पर रावलपिंडी एक्सप्रेस की तरह दौड़ने लगती है। गुडवर्क दिखाने के चक्कर मे पुलिस यह जानने की प्रयास नही करती कि बदमाशो के पास अवैध हथियार कहा से आते है । पुलिस अगर बदमाशो से पूछताछ करे तो तालाब की छोटी मछलियो के साथ-साथ बड़ी मछलिया भी पुलिस की पकड़ मे होंगी ।



