उत्तर प्रदेशलखनऊ

बीते चार माह से अतिरिक्त निरीक्षक के भरोसे चल रहा है लखनऊ के ऐतिहासिक काकोरी थाना

निरीक्षक की मनमानी और जातिवाद से क्षेत्र की जनता और पुलिसकर्मियों में है रोष

पुलिस कमिश्नर से स्थाई निरीक्षक तैनात करने की मांग

राहुल तिवारी/ समग्र चेतना

लखनऊ। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जिस काकोरी का नाम आज भी इतिहास में दर्ज उसी काकोरी थाने को बीते चार माह से अधिक समय से स्थाई इंस्पेक्टर नही मिल पा रहा है। इस थाने की कमान जिस अतरिक्त इंस्पेक्टर के हांथ है उनसे क्षेत्रीय जनता के साथ ही उनके मातहत तक नाराज हैं यही नही काकोरी थाने के कार्यवाहक इंस्पेक्टर पर खुलकर जातिवाद करने का भी आरोप लग रहा है लेकिन लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ए. बी. शिरोडकर इसके बाद भी इस ऐतिहासिक थाने पर ध्यान देना जरूरी नही समझ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ माह में काकोरी थाना क्षेत्र में अपराध भी तेजी से बढ़ा है।

लखनऊ का ऐतिहासिक काकोरी थाना चार माह से अतिरिक्त थाना प्रभारी के भरोसे चल रहा है। अतिरिक्त थाना प्रभारी विजय यादव की मनमानी लगातार देखने को मिल रही है। क्या लखनऊ में स्वतंत्र प्रभार थाना प्रभारी का अकाल पड़ा है या लखनऊ के पुलिस कमिश्नर कुम्भकर्णी नींद में सो रहे हैं। आखिर ऐसी कौन सी वजह है जो आज तक इस ऐतिहासिक थाने में स्वतंत्र प्रभार कोतवाल की तैनाती नही की गयी है। कार्यवाहक इंस्पेक्टर की मनमानी और जातिवाद से काकोरी क्षेत्र की जनता और थाने के दरोगा व सिपाहियों में भी काफी रोष है। जनता को इन्तजार है कि आखिर उनके थाने को स्वतंत्र प्रभार इन्सपेकटर कब मिलेगा? काकोरी थाना अग्रेजी शाशन के समय का है और काकोरी कांड आज भी इतिहास में दर्ज है। इतना ही नहीं इन चार माह में काकोरी थाना क्षेत्र में तीन चार हत्याओं सहित अन्य गंभीर अपराध की घटनाएं भी काफी तेजी से बढ़ी हैं।

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