उत्तर प्रदेश

विश्वभर से आ रहीं प्रतिक्रियाएं, हिजाब को लेकर आपकी क्या राय है?

हिजाब बनाम गमछा विवाद ने देशभर में ठंड का मजा किरकिरा कर दिया है। कोरोना के चलते पिछले दो साल से बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था बामुश्किल पटरी पर आना शुरू हुई थी कि उसे हिजाब और गमछा की नजर लग गई। कर्नाटक के उडुप्पी से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब राज्य के कई शहरों से होता हुआ कई प्रदेशों तक फैल चुका है। न तो गमछा पीछे हटने को तैयार है न हिजाब। नतीजन मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गया है।
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यही है वीडियो

यह मामला शुरू हुआ दिसंबर 2021 से। कर्नाटक के उडुपी में स्कूल कैंपस में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर कॉलेज प्रशासन ने रोक लगा दी। इस पर 8 मुस्लिम छात्राओं ने विरोध किया और कहा कि कॉलेज उन्‍हें हिजाब पहनने से नहीं रोक सकता क्‍योंकि ये उनकी धार्मिक स्‍वतंत्रता है. इसके बाद हिजाब के विरोध में कुछ बच्चों ने भगवा गमछा पहनना शुरू कर दिया। जिससे विवाद और बढ़ गया. हाल ही में कुछ कॉलेजों ने मामले को ठंडा करने के लिए स्कूल में छुट्टी बोल दी। इसी दौरान खबर आई कि एक कॉलेज में हिजाब पहनी लड़कियों को अलग बैठा दिया गया। इसके बाद मामला और गरमा गया। देखते ही देखते कई स्कूल कॉलेजों में हिजाब बनाम गमछा शुरू हो गया।

हालांकि कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक एजुकेशन एक्ट 1983 की धारा 133, 2 को लागू कर दिया है। इसके मुताबिक सभी छात्र छात्राओं को एक समान कपड़े पहनकर कॉलेज आना होगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी सरकारी स्कूलों में तय डेस कोड का पालन करना होगा वहीं निजी स्कूलों के स्टूडेंट्स को भी तय यूनिफार्म ही पहनना अनिवार्य है। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर किसी स्कूल या कॉलेज में डेस कोड नहीं है तो छात्र ऐसे कपड़े पहनकर नहीं आ सकते जिससे सामुदायिक सौहार्द, समानता और शांति व्यवस्था को खतरा हो।

बहरहाल सोशल मीडिया पर हिजाब पहनी एक लड़की का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। ये वीडियो मांड्या का बताया जा रहा है। हिजाब पहनी लड़की को कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने घेर लिया और जय श्री राम के नारे लगाने लगे। इस पर लड़की ने भी अल्लाह हू अकबर का नारा लगाया। अब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल है। हिजाब और गमछा विवाद उडुपी से चिकमंगलूर तक शिवामोगा से मांड्या तक हेाता हुआ अब बई राज्यों तक पहुंच गया है।

इस बीच मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि अगले सेशन से मध्य प्रदेश के सभी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। उनसे यह सवाल किया गया कि क्या हिजाब पर भी बैन लगेगा। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिजाब ड्रेस कोड का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई हिजाब पहनकर स्कूल आएगा तो उस पर प्रतिबंध लगेगा। मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि एमपी स्कूली शिक्षा विभाग आगामी सत्र से बच्चों के ड्रेस कोड पर काम कर रहा है। स्कूल आने वाले सभी विद्यार्थियों में समानता का भाव रहे। अनुशासन के साथ ही हर स्कूल की अलग पहचान बने, इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग काम कर रहा है। अगले सत्र से प्रदेश में ड्रेस कोड लागू हो जाएगा। हम लोग समय रहते विद्यार्थियों को सूचित कर देंगे ताकि समय से वह ड्रेस तैयार करवा लें।

वहीं एमपी में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि बच्चियां ढकी हुईं कपड़ों में अच्छी लगती है। इसके बारे में मंत्री इंदर सिंह परमार को सोचना चाहिए। वहीं शनिवार को कर्नाटक से कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा ने कहा था कि, लड़कियों को दबाया दजा रहा है। और वह इसके लिए आवाज उठाएंगी।

बहरहाल इस पूरे मामले में हर एक की अपनी अपनी राय और विचार हो सकते हैं। शोध का विद्यार्थी होने के नाते अगर कोई मुझसे पूछे कि इस मामले में आपका मत क्या है तो मैं यही कहूंगा कि अगर विश्वविद्यालय ​प्रशासन मुझसे ये कहेगा कि आपको कैंपस के अंदर हमारे डेस कोड का पालन करना है तो मैं बिना किसी तनाव के इसे सहर्ष स्वीकार कर लूंगा। फिर चाहे इसके लिए मुझे कुछ धार्मिक प्रतीकों को छिपाना ही क्यों न पड़ जाए। नमस्कार।

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