उत्तर प्रदेशलखनऊ

हरौनी में लकड़ी माफिया सक्रिय

पत्रकार राहुल तिवारी
लखनऊ (बंथरा)। जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों रुपये का बजट जारी किया है, वहीं राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र अंतर्गत हरौनी चौकी में हरे पेड़ों की बेरहमी से कटाई की खबरें चिंताजनक हैं। आरोप है कि स्थानीय चौकी इंचार्ज अर्जुन राजपूत की मिलीभगत से रहीमनगर पड़ियाना गाँव में सोमवार सुबह करीब ढाई बीघा हरी-भरी बाग पर आरा चलवाया गया।

स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई लकड़ी माफियाओं और पुलिस की सांठगांठ से की गई है। सबसे गंभीर बात यह है कि इसकी जानकारी एसीपी कृष्णा नगर व डीसीपी दक्षिणी को भी थी, लेकिन कार्रवाई के बजाय मामले को दरकिनार कर दिया गया।

पुलिस संरक्षण में चल रही है अवैध कटाई?
ग्रामीणों का आरोप है कि हरौनी चौकी प्रभारी न केवल क्षेत्र में धन उगाही और प्रताड़ना में लिप्त हैं, बल्कि वे खुलेआम कहते हैं कि “डीसीपी और एसीपी का संरक्षण है, कोई कुछ नहीं कर सकता।” ऐसे में सवाल उठता है—क्या पर्यावरण संरक्षण पर सरकार के प्रयास चौकी स्तर पर ही दम तोड़ रहे हैं?

तीन साल से तैनात ‘कारखास’ सिपाही बना है कड़ी?
हरौनी चौकी में करीब तीन साल से तैनात सिपाही यतेन्द्र गौड़ को चौकी इंचार्ज का ‘कारखास’ बताया जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वह क्षेत्र के लकड़ी माफिया, शराब तस्करों और अन्य अवैध कारोबारियों के साथ गहरे संबंध बनाए हुए है। यह भी आरोप है कि सभी गतिविधियाँ अधिकारियों की मौन स्वीकृति से चल रही हैं। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश भर में पर्यावरण बचाने, वृक्षारोपण को बढ़ावा देने, और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को बार-बार दोहराया गया है। लेकिन ऐसे मामले जहां न सिर्फ हरे पेड़ काटे जा रहे हैं, बल्कि यह पुलिस संरक्षण में हो रहा है, सीधे तौर पर शासन की नीतियों को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने अपील की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर चौकी इंचार्ज, सिपाही यतेन्द्र गौड़ और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

 

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